जलवायु लचीली फसलों की खेती को प्रोत्साहित करना है
इसके जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 के दौरान श्री अन्न (मिलेट्स) का देश में उत्पादन 171.49 लाख टन था. जिसमें 39.90 लाख टन ज्वार, 111.66 लाख टन बाजरा, 15.97 लाख टन रागी और 3.97 लाख टन स्माल मिलेट्स (तृतीय अग्रिम अनुमान के अनुसार) शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष (आईवाईएम) घोषित किया था. भारत सरकार ने आईवाईएम 2023 को मनाने और इसे जन-आंदोलन बनाने का निर्णय लिया है, ताकि भारतीय मिलेट्स, व्यंजनों, मूल्यवर्धित उत्पादों को विश्वस्तर पर स्वीकार किया जा सके. मिलेट्स को निरंतर बढ़ावा देने का उद्देश्य घरेलू और वैश्विक मांग पैदा करना और अपने विशिष्ट गुणों के कारण देशभर में जलवायु लचीली फसलों की खेती को प्रोत्साहित करना, उत्पादन, खपत, निर्यात आदि को बढ़ाना है.53 प्रौद्योगिकियां विकसित, 16 पेटेंट
दीपक प्रकाश ने अपने सवाल में सेंट्रल टेक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टट्यूट द्वारा ``सुपर फूड`` पर किये जा रहे शोध के क्या उद्देश्य के बारे में जनाना जाहा. इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) - केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सीएफटीआरआई), मैसूर वर्ष 1950 से मिलेट्स पर अनुसंधान कार्य कर रहा है. सीएसआईआर-सीएफटीआरआई ने विशेष रूप से मिलेट्स पर 250 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित किए हैं. 53 प्रौद्योगिकियां विकसित की हैं, 16 पेटेंट करवाए हैं और 19 पीएचडी थीसिस करवाई है. सीएसआईआर-सीएफटीआरआई के अनुसंधान कार्यों में मिलेट्स की पोषण संबंधी विशेषताएं, क्षेत्र - विशिष्ट मिलेट्स उत्पादों को बढ़ावा देना, मिलेट्स उत्पादों की शेल्फ लाइफ वृद्धि, स्वास्थ्य के बारे में वैश्विक जागरूकता और मिलेट्स के पोषण संबंधी गुण आदि शामिल हैं. इसे भी पढ़ें – रांची">https://lagatar.in/ranchi-chatra-smuggler-arrested-with-700-grams-of-opium/">रांची: 700 ग्राम अफीम के साथ चतरा का तस्कर गिरफ्तार [wpse_comments_template]
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