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मिलेट्स मधुमेह व विकारों से पीड़ित लोगों के लिए उपयुक्त अनाज : तोमर

राज्यसभा में दीपक प्रकाश के सवाल पर मंत्री ने दिया जवाब किसान अनुकूल फसलें हैं श्रीअन्न, पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं नयी दिल्ली/ रांची :  केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने राज्यसभा में भाजपा सांसद दीपक प्रकाश के सवाल पर कहा कि श्रीअन्न पारंपरिक रूप से देश के वर्षा सिंचित क्षेत्रों में उगाए जाते हैं और किसान अनुकूल फसलें हैं. कम पानी की आवश्यकता होती है. ये सूखा सहिष्णु, प्रकाश असंवेदी, जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीले होते हैं और प्रमुख अनाजों की तुलना में विविध कृषि जलवायु परिस्थितियों को सहन करने वाले होते हैं. मिलेट्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं. मिलेट्स अच्छी मात्रा में गैर-स्टार्च पॉलीसेकेराइड के साथ आहार फाइबर और कार्बोहाइड्रेट मिश्रित होते हैं. मिलेट्स में पॉलीफेनोल्स, फाइटेट्स, कैरोटीनॉयड, टोकोफेरोल्स आदि जैसे फाइटोकेमिकल्स भी होते हैं, जिन्हें ``न्यूट्रास्यूटिकल्स`` कहा जाता है. मिलेट्स मधुमेह आदि जैसी जीवन शैली संबंधी विकारों से पीड़ित लोगों के लिए सबसे उपयुक्त अनाज हैं. इन न्यूट्रास्युटिकल घटकों के होने से मिलेट्स में उत्कृष्ट एंटीऑक्सीडेंट और रोगाणुरोधी गुण होते हैं. दीपक प्रकाश सदन में कृषि एवं कल्याण मंत्रालय से मोटे अनाज के उत्पादन एवं संवर्धन से जुड़े चार प्रश्न पूछे थे. जानना चाहा कि था भारत में श्री अन्न (मोटे अनाज) के उत्पादन की क्या स्थिति है? सरकार द्वारा लगातार श्री अन्न के उत्पादन को बढ़ावा देने के पीछे क्या उद्देश्य हैं? साथ ही श्री अन्न हमारी सेहत के लिए किस प्रकार फायदेमंद होता है?

जलवायु लचीली फसलों की खेती को प्रोत्साहित करना है

इसके जवाब में कृषि मंत्री ने कहा कि वर्ष 2022-23 के दौरान श्री अन्न (मिलेट्स) का देश में उत्पादन 171.49 लाख टन था. जिसमें 39.90 लाख टन ज्वार, 111.66 लाख टन बाजरा, 15.97 लाख टन रागी और 3.97 लाख टन स्माल मिलेट्स (तृतीय अग्रिम अनुमान के अनुसार) शामिल हैं. संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष (आईवाईएम) घोषित किया था. भारत सरकार ने आईवाईएम 2023 को मनाने और इसे जन-आंदोलन बनाने का निर्णय लिया है, ताकि भारतीय मिलेट्स, व्यंजनों, मूल्यवर्धित उत्पादों को विश्वस्तर पर स्वीकार किया जा सके. मिलेट्स को निरंतर बढ़ावा देने का उद्देश्य घरेलू और वैश्विक मांग पैदा करना और अपने विशिष्ट गुणों के कारण देशभर में जलवायु लचीली फसलों की खेती को प्रोत्साहित करना, उत्पादन, खपत, निर्यात आदि को बढ़ाना है.

53 प्रौद्योगिकियां विकसित, 16 पेटेंट

दीपक प्रकाश ने अपने सवाल में सेंट्रल टेक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टट्यूट द्वारा ``सुपर फूड`` पर किये जा रहे शोध के क्या उद्देश्य के बारे में जनाना जाहा. इस पर कृषि मंत्री ने कहा कि वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) - केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सीएफटीआरआई), मैसूर वर्ष 1950 से मिलेट्स पर अनुसंधान कार्य कर रहा है. सीएसआईआर-सीएफटीआरआई ने विशेष रूप से मिलेट्स पर 250 से अधिक शोधपत्र प्रकाशित किए हैं. 53 प्रौद्योगिकियां विकसित की हैं, 16 पेटेंट करवाए हैं और 19 पीएचडी थीसिस करवाई है. सीएसआईआर-सीएफटीआरआई के अनुसंधान कार्यों में मिलेट्स की पोषण संबंधी विशेषताएं, क्षेत्र - विशिष्ट मिलेट्स उत्पादों को बढ़ावा देना, मिलेट्स उत्पादों की शेल्फ लाइफ वृद्धि, स्वास्थ्य के बारे में वैश्विक जागरूकता और मिलेट्स के पोषण संबंधी गुण आदि शामिल हैं. इसे भी पढ़ें – रांची">https://lagatar.in/ranchi-chatra-smuggler-arrested-with-700-grams-of-opium/">रांची

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