NewDelhi : इलाहाबाद हाई कोर्ट के एक जज द्वारा नाबालिग से रेप के मामले में की गयी टिप्पणी लोगों को नागवार गुजरी है. केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी सहित कई महिला सांसदों ने हाई कोर्ट की टिप्पणी की निंदा की है. केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी जज की इस टिप्पणी को गलत करार देते हुए निंदा की है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले पर ध्यान देने की अपील की है. कहा कि इस तरह के फैसले से समाज में गलत संदेश जाता है.
VIDEO | Here’s what Union Minister Annapurna Devi (@Annapurna4BJP) said on Allahabad High Court’s remark on rape cases.
“I don’t support this decision, and the Supreme Court should also re-consider this decision because it will have adverse impact on a civil society.”
The… pic.twitter.com/38AqsOlI2J
— Press Trust of India (@PTI_News) March 21, 2025
इलाहाबाद हाई कोर्ट का एक ऑर्डर आया:
“पीड़िता के कपड़े फाड़ना, निजी अंगों को हाथ लगाना रेप या रेप की कोशिश नहीं”
इससे लोग आक्रोशित हैं – तो चलिए यह पढ़िए👇
▪️पवन और आकाश ने 11 वर्षीय पीड़िता के निजी अंगों को हाथ लगाया
▪️आकाश ने उस बच्ची के पायजामे का नाड़ा तोड़ दिया
▪️फिर… pic.twitter.com/xcY5QAK6vk
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) March 20, 2025
टीएमसी सांसद मालिया ने जज के कमेंट की निंदा की
हाई कोर्ट के जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा ने रेप के एक मामले में फैसला सुनाते हुए कहा है कि महिला के स्तन पकड़ना और उसके पायजामे के नाडे़ को तोड़ना रेप की कोशिश के तहत अपराध नहीं माना जा सकता. यह यौन उत्पीड़न के तहत आयेगा. टीएमसी सांसद जून मालिया, दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आप सांसद स्वाति मालीवाल , कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत न भी जज के कमेंट की निंदा की है कहा कि यह बहुत ही घृणित बात. देश में महिलाओं की पूरी तरह से उपेक्षा की जा रही है, जिसे हमें खत्म करना होगा.
स्वाति मालीवाल ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है
स्वाति मालीवाल ने कहा, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं फैसले में की गयी टिप्पणियों से बहुत स्तब्ध हूं. यह बहुत शर्मनाक स्थिति है. उन लोगों द्वारा किया गया कृत्य रेप के दायरे में क्यों नहीं आता? मुझे इस फैसले के पीछे का तर्क समझ में नहीं आता. सुप्रीम कोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए.
तीन युवकों ने महिला को घर छोड़ने के बहाने अपनी बाइक पर बैठा लिया
मामला यह है कि 10 नवंबर, 2021 को यूपी के कासगंज जिले के पटियाली इलाके में एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि वह अपनी 14 साल की बेटी के साथ कहीं जा रही थी. रास्ते में पवन, आकाश और अशोक नाम के तीन युवकों ने उसकी बेटी को घर छोड़ने के बहाने अपनी बाइक पर बैठा लिया. दर्ज महिला द्वारा दर्ज कराई गयी एफआईआर में कहा गया है कि आरोपियों ने रास्ते में एक पुलिया के पास बाईक रोककर उसकी बेटी के स्तन पकड़े और पायजामे का नाड़ा तोड़ दिया. इसके बाद गलत इरादे से उसे पुलिया के नीचे खींच कर ले जाने लगे.
बेटी के चीखने के बाद वहां लोग पहुंच गये
बेटी के चीखने के बाद वहां लोग पहुंच गये. लोगों को अपनी ओर आते देख आरोपी नाबालिग को छोड़कर भाग गये. इस मामले में आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की धारा 18 यानी अपराध करने के प्रयास का केस दर्ज किया गया. जिला अदालत ने इन धाराओं के तहत आरोपियों के खिलाफ समन जारी किया, जिसके खिलाफ आरोपियों ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी.
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