Ranchi: झारखंड के अल्पसंख्यक और जल संसाधन मंत्री हफीजुल हसन ने अपने एक बयान से विवाद खड़ा होने के बाद अब अपना रुख बदल लिया है. उन्होंने कहा है कि संविधान उनके लिए सर्वोच्च है और वह इसके मूल्यों के अनुसार काम करेंगे. उन्होंने कहा कि वह बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं और उनके द्वारा बताए गए मार्ग पर चलने का प्रयास करते हैं. हफीजुल हसन ने कहा कि वह अपने कर्तव्यों का निर्वहन संवैधानिक मूल्यों के अनुसार करेंगे और सभी समुदायों के लिए न्याय, समानता और समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा कि वह किसी भी तरह की नफरत या हिंसा का समर्थन नहीं करते हैं और सभी समुदायों के बीच सौहार्द और शांति बनाए रखने के लिए काम करेंगे. इसे भी पढ़ें -56">https://lagatar.in/56-thousand-glaciers-melted-65-percent-faster-than-last-decade-200-crore-people-are-at-risk-due-to-shortage-of-fresh-water/">56
हजार ग्लेशियर पिछले दशक की तुलना में 65फीसदी तेजी से पिघले, मीठे पानी की कमी से 200 करोड़ लोगों पर खतरा प्रेस रिलीज जारी कर रखी अपनी बात हफीजुल हसन के बयान पर विवाद खड़ा होने के बाद उन्होंने एक प्रेस रिलीज जारी कर अपने बयान पर स्पष्टीकरण दिया है. उन्होंने कहा कि उनका बयान गलत तरीके से पेश किया गया और वह संविधान के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त करते हैं. संविधान के प्रति निष्ठा हफीजुल हसन ने कहा कि संविधान देश के हर नागरिक को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है और सरकारों को ऐसा वातावरण बनाए रखने का निर्देश देता है, जिसमें देश के सभी नागरिक अपने भाषाई और धार्मिक पहचान को अक्षुण्ण रख सकें. बीजेपी ने किया है विरोध भाजपा ने हफीजुल हसन के बयान का विरोध किया है और उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त करने की मांग की है. भाजपा नेताओं ने राज्यपाल से मिलकर इस मामले में कार्रवाई करने की मांग की है. इसे भी पढ़ें -वायुसेना">https://lagatar.in/ranchi-air-force-air-show-on-19-20-airspace-will-remain-closed-10-hawk-aircrafts-will-display-bravery/">वायुसेना
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