NewDelhi : चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा कथित तौर पर अगवा किये गये अरुणाचल प्रदेश के किशोर मिराम तरोन के परिजनों ने आरोप लगाया है कि उसे कैद में प्रताड़ित किया गया था. indianexpress.com के अनुसार मिराम के पिता ओपंग टैरोन ने मंगलवार दोपहर कहा कि उनके बेटे को चीनी सैनिकों ने कई बार लातों से मारा.उसे दो बार बिजली का झटका भी दिया. खबरों के अनुसार मिराम वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास लुंगटा जोर इलाके के करीब एक शिकार दल में शामिल था. उसका कथित तौर पर 18 जनवरी को भारतीय क्षेत्र के भीतर पीएलए द्वारा अपहरण कर लिया गया था.
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मिरम अपने दोस्त जॉनी येइंग के साथ शिकार करने गया था
मिरम का दोस्त जॉनी येइंग, जो शिकार करने उसके साथ गया था, ने बाद में बताया कि वे अंधेरे में जंगल से गुजर रहे थे. इसी दौरान चीनी सैनिक अचानक कहीं से आ गये और मिराम को बंदूक के बल पर अपहरण कर लिया. जॉनी मौके से भागने में सफल रहा. उसने भारतीय अधिकारियों को घटना की सूचना दी. मिराम के परिवार ने पास के तूतिंग पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई सांसद तपीर गाओ ने ट्वीट कर इस मामले को उजागर किया.
भाजपा सांसद ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, चीनी पीएलए ने कल 18 जनवरी 2022 को अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सियांग जिले के सियुंगला क्षेत्र (बिशिंग गांव) के तहत लुंगटा जोर क्षेत्र (चीन ने 2018 में भारत के अंदर 3-4 किलोमीटर सड़क का निर्माण) के अंदर से जिदो गांव के 17 साल के श्री मिराम टैरोन का अपहरण कर लिया है.
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जॉनी को उसकी पहचान के लिए किबिथू ले जाया गया
उच्च स्तरीय कूटनीतिक वार्ता के बाद, मिराम को 27 जनवरी को अंजाव जिले के किबिथू सेक्टर में वाचा-दमाई इंटरेक्शन पॉइंट पर भारतीय सेना को सौंप दिया गया. सूत्रों के अनुसार उसे अकेले में रखा गया ताकि उसकी स्वास्थ्य स्थिति देखी जा सके. उसके दोस्त जॉनी को उसकी पहचान के लिए किबिथू ले जाया गया. लगभग दो सप्ताह के बाद आखिरकार सोमवार शाम मीराम को उसके परिवार को सौंप दिया गया.
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सैनिकों में से एक ने मेरे बेटे को कई बार लातों से मारा
मिराम के पिता ओपांग ने कहा कि वह चीनी सैनिकों द्वारा अपने बेटे के साथ किये गये व्यवहार से दुखी थे. उन्होंने कहा, मेरा बेटा मौके से भागने की कोशिश कर रहा था और उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे कुछ सैनिकों को खरोंच दिया. उन सैनिकों में से एक ने मेरे बेटे को कई बार लातों से मारा. चीनी सैनिक उसे पीएलए शिविर में ले गये और तिब्बती भाषा में उससे पूछताछ की, जिसे वह समझने में विफल रहा. मेरे बेटे ने हिंदी और हमारी मातृभाषा आडी भाषा में संवाद करने की कोशिश की.
चीनी समझ नहीं पाये कि वे क्या कह रहे थे और तिब्बती में उनसे सवाल करना जारी रखा. बाद में उन्होंने उसे बिजली के झटके दिये. उनका बेटा अब भी बहुत दर्द में है. ओपांग ने कहा कि उनके बेटे ने उनसे कहा है कि जब उन्हें बंदी बनाया गया था, तो उन्हें पर्याप्त भोजन दिया गया था. हालांकि, ज्यादातर समय उसकी आंखों पर पट्टी बंधी रही. ओपांग ने कहा कि उसके अपहरण के सुर्खियों में आने के बाद यातना बंद हो गयी