NewDelhi : भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि आयुर्वेद,योग गुरु स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ अदालत की अवमानना का केस बंद कर दिया है. हालांकि कोर्ट ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि वे कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करते हुए कुछ भी करते हैं, जैसा कि पहले हुआ था, तो कड़ी सजा दी जायेगी.
Misleading advertisements case: SC closes contempt proceedings against yoga guru Ramdev, Balkrishna, Patanjali Ayurved Ltd
— Press Trust of India (@PTI_News) August 13, 2024
योगगुरु रामदेव, बालकृष्ण और उनकी कंपनी की ओर सेअधिवक्ता गौतम तालुकदार ने कहा, अदालत ने माफी स्वीकार करने के बाद रामदेव, बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के शपथपत्रों के आधार पर अवमानना कार्यवाही बंद कर दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने 14 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था
जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने मंगलवार, 13 अगस्त अपना फैसला सुनाया. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना नोटिस पर 14 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया. याचिका में कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी की बदनामी का आरोप लगाया गया था.
पतंजलि आयुर्वेद ने आश्वासन दिया था कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे
मामला यह है कि पतंजलि आयुर्वेद ने सुप्रीम कोर्ट को 21 नवंबर 2023 को आश्वासन दिया था कि अब किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे. विशेष रूप से संस्था के प्रोडक्ट्स के विज्ञापन या ब्रांडिंग के दौरान ऐसा नहीं करेंगे. यu भी आश्वासन दिया था कि दवाओं के असर का दावा करने या किसी भी चिकित्सा पद्धति के खिलाफ कोई भी बयान किसी भी रूप में मीडिया को जारी नहीं करेंगे. कोर्ट ने कहा था कि पतंजलि यह आश्वासन देने के लिए बाध्य है.
स्वामी रामदेव ने आदेश का उल्लंघन कर प्रेस कॉन्फ्रेंस की
स्वामी रामदेव ने आदेश का उल्लंघन कर नवंबर 2023 में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कोर्ट की पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कड़ी टिप्पणी पर बात की थी. पतंजलि द्वारा आश्वासन दिये जाने के बावजूद मीडिया में बयान देने के कारण सुप्रीम कोर्ट नाराज हो गया था.
सुप्रीम कोर्ट पतंजलि आयुर्वेद शोकॉज नोटिस जारी कर पूछा था कि आपके खिलाफ अवमानना कार्यवाही क्यों न शुरू की जाये. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने समाचार पत्रों में माफी भी प्रकाशित कराई थी.