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मिशन 2024: हजारीबाग में 40 साल का वनवास खत्म करने उतरेगी कांग्रेस

10 साल में 6 से 44% वोट शेयर बढ़ने से भाजपा का भी बढ़ा हुआ है उत्साह

Satya Sharan Mishra Ranchi: 2024 के लोकसभा चुनाव में हजारीबाग संसदीय सीट काफी अहम माना जा रहा है. हजारीबाग के मतदाताओं ने यहां अलग-अलग पार्टियों को मौका दिया है. इसलिए यह किसी भी पार्टी की परंपरागत सीट नहीं है, लेकिन 1989 से यहां भाजपा मजबूत स्थिति में है. 1989 में पहली बार यदुनाथ पांडेय ने हजारीबाग में कमल खिलाया था. उसके बाद 2019 तक हुए 9 लोकसभा चुनाव में 7 बार भाजपा यहां से चुनाव जीती, जबकि 1991 और 2004 में सीपीआई के भुवनेश्वर मेहता ने चुनाव जीता. कांग्रेस 40 साल से हजारीबाग से चुनाव नहीं जीत पाई है. 1984 के बाद कांग्रेस इस सीट से कभी चुनाव नहीं जीत पाई है. पिछले कई लोकसभा चुनाव में यहां त्रिकोणीय मुकाबला होता रहा है. इस सीट में भाजपा, कांग्रेस और सीपीआई के बीच टक्कर होती है. 2009 के बाद से सीपीआई कमजोर हुई और मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच रहा है. 2019 और 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा यहां से जीती और दूसरे नंबर पर कांग्रेस रही. दोनों बार पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के पुत्र जयंत सिन्हा चुनाव जीते. 2024 में कांग्रेस 40 साल के वनवास को खत्म करने के लिए यहां चुनाव लड़ेगी, जबकि भाजपा अपनी सिटिंग सीट बचाये रखने के लिए चुनाव लड़ेगी.

वोट शेयर घटने से कांग्रेस तनाव में

2019 के लोकसभा चुनाव में हजारीबाग लोकसभा सीट से 17 उम्मीदवार खड़े थे. भाजपा के जयंत सिन्हा 728798 लाकर चुनाव जीते थे. कांग्रेस के गोपाल साहू 249250 वोट लाकर दूसरे नंबर पर थे, जबकि सीपीआई के भुवनेश्वर मेहता को मात्र 32109 वोट मिले थे. भाजपा का वोट शेयर 67.42 फीसदी, कांग्रेस 23.06 फीसदी सीपीआई का वोट शेयर सिर्फ 2.97 प्रतिशत था. 2019 में भाजपी की जीत का अंतर काफी बढ़ा था. जयंत सिन्हा ने 479548 वोट से कांग्रेस प्रत्याशी गोपाल साहू को हराया था. जीत का अंतर 44% था, जबकि इससे पहले 2014 में जयंत की जीत का अंतर 16 फीसदी था. इससे पहले 2009 में भाजपा (यशवंत सिन्हा) की जीत का अंतर सिर्फ 6 फीसदी था. यानी हजारीबाग में भाजपा ने 10 साल में अपनी जीत का अंतर 6 से 44 फीसदी पहुंचा दिया. वोटों के बढ़े प्रतिशत से भाजपा 2024 में भी अपनी जीत को लेकर आश्वस्त है, वहीं लगातार वोट प्रतिशत घटता देख कांग्रेस थोड़ा तनाव में है. हालांकि उसे उम्मीद है कि गठबंधन में चुनाव लड़ने से स्थिति बदल सकती है.

15.25% एससी और 12.96% एसटी आबादी

हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र को भारत के लाल गलियारे का एक अहम हिस्सा माना जाता है. यहां कई नक्सलवादी और उग्रवादी संगठन अभी भी सक्रिय हैं. लोकसभा क्षेत्र की जनसंख्या करीब 2423186 है. इसमें शहरी जनसंख्या 29.19 फीसदी है, जबकि ग्रामीण जनसंख्या 70.81 फीसदी है. कुल जनसंख्या की 15.25 आबादी अनुसूचित जाति के लोग हैं, जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 12.96 फीसदी है.

विधानसभा सीटों के समीकरण में भाजपा मजबूत

हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र में 5 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें से दो (बड़कागांव और बरही) कांग्रेस के कब्जे में है. दो सीटें (मांडू और हजारीबाग सदर) भाजपा के कब्जे में हैं और रामगढ़ सीट भाजपा की सहयोगी आजसू पार्टी के पास है. 2019 के विधानसभा चुनाव में रामगढ़ से कांग्रेस ने चुनाव जीता था, लेकिन इसी साल हुए उपचुनाव में आजसू ने रामगढ़ में कब्जा जमाया. विधानसभा सीटों के समीकरण से हिसाब से फिलहाल भाजपा कांग्रेस से मजबूत दिख रही है.

पिछले चार चुनाव में जीत का अंतर

वर्ष जीतने वाली पार्टी हारने वाली पार्टी जीत का अंतर 2019 भाजपा कांग्रेस 44% 2014 भाजपा कांग्रेस 16% 2009 भाजपा कांग्रेस 6% 2005 सीपीआई भाजपा 14% हजारीबाग (अहम सीट) हजारीबाग संसदीय सीट में होता रहा है त्रिकोणीय मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और सीपीआई में टक्कर 1989 के बाद भाजपा ने 7 चुनाव जीता, सीपीआई 2 बार जीती 1984 के बाद हजारीबाग से कभी जीत नहीं पाई कांग्रेस 2009 में भाजपा 6% वोटों के अंतर से कांग्रेस से जीती थी 2019 में भाजपा ने 44% अंतर से कांग्रेस को हराया यदुनाथ पांडेय ने 1989 में पहली बार खिलाया था कमल 5 विधानसभा सीटों में 2 भाजपा, एक आजसू और 2 कांग्रेस के पास 1952 से 2019 तक कौन-कौन से पार्टी जीती चुनाव

वर्ष पार्टी सांसद

1952 सीएनएसपीजेपी बाबू श्याम नारायण सिंह 1957 सीएनएसपीजेपी ललिता राज्यलक्ष्मी 1962 स्वतंत्र पार्टी बसंत नारायण सिंह 1967 निर्दलीय बसंत नारायण सिंह 1968 कांग्रेस मोहन सिंह ओबेरॉय 1971 कांग्रेस दामोदर पांडेय 1977 जनता पार्टी बसंत नारायण सिंह 1980 जनता पार्टी बसंत नारायण सिंह 1984 कांग्रेस दामोदर पांडेय 1989 भाजपा यदुनाथ पांडेय 1991 सीपीआई भुवनेश्वर मेहता 1996 भाजपा महावीर लाल विश्वकर्मा 1998 भाजपा यशवंत सिन्हा 1999 भाजपा यशवंत सिन्हा 2004 सीपीआई भुवनेश्वर मेहता 2009 भाजपा यशवंत सिन्हा 2014 भाजपा जयंत सिन्हा 2019 भाजपा जयंत सिन्हा [wpse_comments_template]  

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