Patna : मगध विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो पुष्पेन्द्र प्रसाद वर्मा समेत चार पदाधिकारयों को विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने गिरफ्तार कर लिया. एसयूवी के मुताबिक, मगध विवि में उत्तर पुस्तिका, पुस्तक और गार्ड़ की प्रतिनियुक्ति के नाम पर 30 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी पायी गयी है. जांच में इन अधिकारियों की संलिप्तता के साक्ष्य मिलने पर इन्हें गिरफ्तार किया गया.
पूछताछ के लिए बुलाया गया था
सोमवार को एसवीयू ने इन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था. कई घंटों तक पूछताछ में ये एसवीयू के सवालों का सही से जवाब तक नहीं दे पाये. देर शाम इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. गिरफ्तार किये गये प्रो. पुष्पेन्द्र प्रसाद वर्मा मगध विवि के साथ आर्यभट् ज्ञान विवि के भी रजिस्ट्रार हैं. इन पर वीसी के इशारे पर फर्जी भुगतान करने का आरोप है. वहीं पुस्तकालय प्रभारी प्रो. विनोद कुमार पर ई-लाइब्रेरी के नाम पर फर्जी तरीके से मोटी राशि खर्च करने का आरोप है.
17 नवंबर को छापेमारी की गयी थी
प्रॉक्टर प्रो. जयनंदन प्रसाद सिंह को विवि की सुरक्षा के लिए निजी गार्ड की प्रतिनियुक्ति में हुए घपले को लेकर गिरफ्तार किया गया है. असिस्टेंट सुबोध कुमार एसवीयू द्वारा दर्ज की गयी प्राथमिकी में नामजद हैं. सूत्रों के मुताबिक मगध विवि के कुलपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के खिलाफ हुई कार्रवाई के बाद भी ये सक्रिय थे और उनके इशारे साक्ष्य को प्रभावित करने की साजिश में लगे थे. विशेष निगरानी इकाई ने मगध विवि में 30 करोड़ से अधिक की गड़बड़ी को लेकर प्राथमिकी दर्ज करने के बाद 17 नवंबर को छापेमारी की थी. गया स्थित उनके आवास, कार्यालय और गोरखपुर स्थित घर की तलाशी में 95 लाख कैश के अलावा विदेशी मुद्रा, कई जमीन-जायदाद के कागजात मिले थे. अभी वह चिकित्सकीय अवकाश पर हैं.
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