मिथिला नवयुवक संघ ने मैथिली भाषा को नियोजन नीति में क्षेत्रीय भाषा के तौर पर शामिल करने की मांग की

Jamshedpur : मिथिला नवयुवक संघ ने राज्य सरकार के नियोजन नीति के तहत क्षेत्रीय भाषा की सूची में मैथिली को सम्मिलित करने की मांग को लेकर गुरुवार को उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. संघ के शिवचंद्र झा ने बताया कि जारी अधिसूचना में क्षेत्रीय भाषा के तोर पर 12 भाषाओं को मान्यता दी गई है जो स्वागत योग्य है. लेकिन झारखंड की द्वितीय राज्यभाषा की सूची में अन्य पांच भाषाएं भी हैं जिन्हें शामिल किया जाना चाहिए. इनमें मैथिली, भोजपुरी, अंगिका, भूमिज और मगही भाषा शामिल है. झारखंड में जमशेदपुर, बोकारो, रांची, गोड्डा, साहिबगंज व अन्य जिलों में बड़ी संख्या में लोग इस भाषा का प्रयोग करते हैं. ऐसे में वर्तमान नियोजन नीति के कारण दशकों से इसी राज्य में रहनेवाले केंद्र व राज्य सरकार के कर्मियों के बच्चे नियोजन के अवसर से वंचित रह जाएंगे. मिथिला नवयुवक संघ की ओर से नियोजन नीति में भाषा संबंधी प्रावधान में सुधार करते हुए क्षेत्रीय भाषा की सूची में मैथिली सहित अन्य चार भाषाओं को सम्मिलित करने की मांग की गई है.] [wpse_comments_template]
Leave a Comment