Ranchi: मंत्री रामेश्वर उरांव पलामू के बेटे होकर पलामू-गढ़वा के किसानों की दुर्दशा को धृतराष्ट्र की तरह देख रहे हैं. उनसे यह उम्मीद नहीं थी. उनकी सरकार ने किसानों का धान नहीं खरीदा और अब अपना दामन बचाने के लिए केंद्र को दोष दे रहे हैं. यह कहना है कि बीजेपी के विधायक भानु प्रताप शाही का. इसे लेकर उन्हें मंत्री रामेश्वर उरांव को पत्र भी लिखा है. जिसमें भानु ने लिखा है कि यह पत्र इसलिए लिखा गया है कि आपके अंदर सोया पलामू प्रेम जागृत हो सके. आपकी सरकार पलामू, गढ़वा और चतरा की जनता के साथ राजनीतिक विद्वेश की भावना के साथ काम कर रही है. वह भी तब जब आप सरकार के मजबूत स्तंभ हैं.
पलामू के लोगों की उम्मीद टूट गई
भानु ने लिखा कि इससे पहले रामेश्वर उरांव जहां भी जिस पद पर रहे, अपनी जन्मस्थली पलामू की बेहतरी के लिए काफी कुछ किया. इस बार भी हेमंत सरकार में नंबर 2 की हैसियत से मंत्री पद का शपथ लेने पर पलामू के लोगों में उम्मीद जगी की अब शायद पलामू जिले का कुछ भला हो, लेकिन कुछ भी भला नहीं हुआ. पलामू के लोग यह यकीन नहीं कर पा रहे हैं कि उनका धरती पुत्र कुर्सी की मोह के कारण इतना कमजोर कैसे हो गया, कि अपनों पर हो रहे अत्याचारों पर भी अपना मुंह नहीं खोल पा रहे हैं.
चाह कर भी सत्य के साथ खड़ा नहीं हो पा रहे रामेश्वर उरांव
भानु ने लिखा कि पलामू, गढ़वा और चतरा के किसानों से तय लक्ष्य का आधा धान भी नहीं खरीदा गया. अब धान खरीद की अवधि खत्म हो गई, तो कहा जा रहा है कि किसानों का धान भारतीय खाद्य निगम को खरीदना था, जो केंद्र सरकार का उपक्रम है. इस मामले में राज्य सरकार गलत व्याख्या कर रही है. किसानों के मामले को उलझाकर राजनीतिक रोटी सेंकी जा रही है. 21 जिलों में धान खरीदा जा चुका है, सिर्फ तीन जिले ही बाकी रह गये. आप सरकार में अच्छी स्थिति में हैं, लेकिन वहां आपकी स्थिति भीष्म पितामह की तरह हो गई है. जो चाह कर भी सत्य के साथ खड़ा नहीं हो पा रहा है.
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