में हंगामे के बीच चुनाव सुधार बिल पेश, बैठक में नहीं पहुंचा विपक्ष
मशीन पर स्वामित्व हो चुका है, लेकिन सर्विस फिलहाल कंपनी ही करेगी- रामेश्वर उरांव
प्रदीप यादव के सवाल का जवाब देते हुए मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा कि यह व्यवस्था पिछली सरकार के समय से ही है. ई-पॉस मशीन के लिए सरकार दो तरह से राशि का भुगतान करती है. जिसमें एक रेंटल और दूसरा सर्विस चार्ज है. रेंटल के रूप में 750 रुपए और सर्विस के रूप में 600 रूपये प्लस जीएसटी लगता है. शर्त के अनुसार 5 साल बाद ई पॉस मशीन का स्वामित्व राज्य सरकार का हो जाएगा. 5 साल पूरे हो चुके है. इसपर सरकार का स्वामित्व हो गया है, लेकिन सर्विस के लिए सरकार अभी भी उसी कंपनी पर डिपेंड है. इसे भी पढ़ें -लोकसभा">https://lagatar.in/election-reform-bill-introduced-amidst-uproar-in-lok-sabha-opposition-did-not-reach-meeting/">लोकसभामें हंगामे के बीच चुनाव सुधार बिल पेश, बैठक में नहीं पहुंचा विपक्ष
2G मशीन 4G में हो रहा कन्वर्ट- सीएम
इस मामले पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि यह विषय सरकार के संज्ञान में है. मशीन को भाड़े पर लिया गया है, लेकिन इसे 2G से 4G में कन्वर्ट करने की प्रक्रिया चल रही है. मशीन अब अपना होगा, सर्विस के लिए वेंडर तलाशे जाएंगे. फिलहाल उसी कंपनी से मेंटेनेंस कराया जाएगा. इसे भी पढ़ें -10">https://lagatar.in/even-after-10-years-the-martyrs-family-did-not-get-compassionate-job-dc-had-recommended/">10साल बाद भी शहीद के परिजन को अनुकंपा पर नहीं मिली नौकरी, DC ने की थी अनुशंसा [wpse_comments_template]