Medininagar (Palamu): झारखंड मनरेगा वाच ने इस वित्तीय वर्ष में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा लागू जाति आधारित मनरेगा मजदूरी भुगतान को समाप्त करने की मांग की है. मनरेगा वाच के कार्यकर्ताओं ने यह मांग मेदिनीनगर (डालटनगंज) में आयोजित भोजन का अधिकार अभियान के क्षेत्रीय सम्मेलन में की. इस संबंध में मनरेगा वाच ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह को पत्र लिखा है. मनरेगा वाच के कार्यकर्ताओं ने हाल ही में केंद्रीय ग्रामीण विभाग मंत्रालय द्वारा जारी उस निर्देश को वापस लेने का आग्रह किया है, जिसमें आदिवासी, दलित एवं अन्य श्रेणी के मजदूरों को अलग अलग समय पर मजदूरी भुगतान का आदेश दिया गया है. मनरेगा वाच ने पत्र में लिखा है कि एक ही कार्य स्थल पर काम करने वाले मजदूरों को जाति के आधार पर अलग-अलग समय पर भुगतान करना अन्याय एवं भेदभाव है. जाति आधारित मनरेगा मजदूरी भुगतान की व्यवस्था ने विलंब से मिलने वाले मनरेगा मजदूरी भुगतान की समस्या को और बढ़ा दिया है.
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पत्र में यह भी लिखा गया है कि जिन मनरेगा मजदूरों की जॉब कार्ड में जातिगत श्रेणी गलत हो गई है, उन्हें नहीं पता कि वे इसे कैसे ठीक कराएं. संभवतः इसका स्थानीय स्तर पर कोई समाधान नहीं है.
पत्र में कानून का हवाला देते हुए लिखा गया है कि कानून के अंतर्गत सभी नरेगा मजदूरों को बराबरी हक है. जाति आधारित मजदूरी भुगतान न सिर्फ सामाजिक भेदभाव है बल्कि मनरेगा कानून के मुताबिक 15 दिन के अंदर मिलने वाले मजदूरी भुगतान के प्रावधान का उल्लंघन भी है.
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