Lagatar Desk : क्या आप जानते हैं, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले डेढ़-दो माह से कहां व्यस्त हैं. राज्यों के चुनाव में. विपक्षी नेताओं का मजाक उड़ाने, आंखे लाल करके भाषण देने और राज्यों में सत्ता पर पार्टी का कब्जा कराने में. आप यह भी जानते हैं कि इन सबके बीच पूरा देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर से जूझ रहा है.
प्रधानमंत्री दिल्ली में रह कर देश वासियों के लिये गाइडलाइन तय करते हैं और दिल्ली से बाहर चुनाव वाले राज्यों में जाकर रैली और रोड शो करते हैं. जहां दिल्ली में तय गाइडलाइन की धज्जियां उड़ायी जाती है.
उधर, अमेरिकी नौसेना भारतीय सीमा में घुस कर वापस चली गई. मीडिया ने खबर भी नहीं दी. ताजा खबर यह है कि अमेरिकी नौसेना ने दावा किया है कि वह बिना अनुमति भारतीय सीमा में घुसी. साथ में यह भी कहा कि वह आगे भी ऐसा करती रहेगी. भारत ने इस पर आपत्ति भी दर्ज करायी है.
खबरों के मुताबिक भारतीय सीमा में घुसने का दावा अमेरिका की 7वीं फ्लीट ने किया है. यह वही टुकड़ी है, जिसे 1971 में अमेरिका ने बंगाल की खाड़ी में तैनात किया था. ताकि बंग्लादेश मुक्ति संग्राम के वक्त भारत पर पाकिस्तान के पक्ष में दबाव बनाया जा सके.
bhaskar.com की खबर के अनुसार गत 7 अप्रैल को क्लाइमेट मामलों के अमेरिकी राजदूत भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने आने वाले थे. उसी वक्त अमेरिकी नेवी का युद्धपोत USS जॉन पॉल जोन्स (DDG 53) बिना अनुमति के भारतीय समुद्री सीमा में घुसा. रुका और फिर वापस लौट गया.
UN के समुद्री कानून में नियम है कि समुद्र तट से 200 नॉटिकल मील (370 किमी) तक EEZ यानी इकोनॉमी जोन होता है. भारत के EEZ में प्रवेश से पहले US के जहाज को भारत सरकार से अनुमति लेनी चाहिये थी. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. अमेरिकी जहाज 130 नॉटिकल यानी 240 किमी तक आ गया. इसका दावा खुद अमेरिकी नौसेना ने किया है.
अमेरिका ने आगे कहा है कि यह अभियान, फ्रीडम ऑफ नेविगेशन ऑपरेशन था. इसके तहत अमेरिकी नौसेना उन देशों की समुद्री सीमा में घुस करके चुनौती देता है, जो अपनी समुद्री सीमा को बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं. यह किसी एक देश के खिलाफ नहीं है. इस तरह का अभियान 1971 से चल रहा है.
इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस मामले में बयान जारी किया है. जिसमें कहा है कि भारतीय सुरक्षा जवानों ने जहाज के गुजरने तक सतत निगरानी की. साथ ही घुसपैठ से जुड़ी चिंताओं से अमेरिका को अवगत करा दिया है. इस पर अमेरिका ने भारत पर आरोप लगाया है कि भारत अपनी समुद्री सीमा को बढ़ा-चढ़ाकर बता रहा है.
पूर्व नेवी प्रमुख अरुण प्रकाश ने दैनिक भास्कर से कहा है कि भारतीय EEZ में प्रवेश करके अमेरिकी नेवी ने कानून तोड़ा है. दक्षिण चीन-सागर में अमेरिकी नेवी का इस तरह के अभियान का मतलब समझ में आता है, लेकिन भारत में ऐसे ऑपरेशन करके अमेरिका कोई संदेश देना चाह रहा है. वहीं रिटायर्ड आर्मी ऑफिसर और डिफेंस एनालिस्ट ब्रिगेडियर वी महालिंगम ने सोशल मीडिया पर कहा है कि अमेरिका असली रंग दिखा रहा है. भारत सरकार और विदेश मंत्रालय को सतर्क हो जाना चाहिये.