New Delhi : मोदी सरकार द्वारा यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) को लेकर वरिष्ठ मंत्रियों के एक अनौपचारिक जीओएम (ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स) बनाये जाने की खबर है. इस जीओएम में मंत्री किरेन रिजिजू, स्मृति ईरानी, जी किशन रेड्डी और अर्जुन राम मेघवाल शामिल हैं. कल बुधवार को इन मंत्रियों की बैठक की और UCC को किस रूप में लागू किया जा सकता है. इस पर मंथन किया गया. कहा जा रहा है कि मानसून सत्र में मोदी सरकार इसका प्रस्ताव ला सकती है. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
मोदी सरकार इस मामले में जल्दबाजी कर रही है : कांग्रेस
कांग्रेस अनुशासन समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री नवभारत ने यूसीसी को अधकचरा विचार करार दिया है. कहा कि मोदी सरकार इस मामले में जल्दबाजी कर रही है. हमारे यहां 370 के प्रावधान खत्म किये गये.लेकिन धारा 371 अभी है. अगर 371 को रद्द किये बिना यूसीसी लाया जायेगा तो इसका कोई मतलब नहीं रह जायेगा. अगर 371 को अलग रखा जाता है तो सिख, ईसाई या अल्पसंख्यकों के अधिकारों को कैसे राइट ऑफ करेंगे. संविधान में उसकी क्या व्यवस्था की जायेगी. इस पर मंथन करना जरूरी होगा.
केंद्र सरकार इस बार UCC को लेकर गंभीर है
इस क्रम में कांग्रेस नेता ने कहा यूनिफॉर्म सिविल कोड का ड्राफ्ट आने के बाद ही पार्टी की लाइन तय की जायेगी. कहा कि केंद्र सरकार का ड्राफ्ट हो या उत्तराखंड सरकार का, इसका ड्राफ्ट सामने आने पर ही कुछ कहा जा सकता है. उन्होंने याद दिलाया कि इससे पहले केंद्र सरकार ने 2018 में यूसीसी लॉ कमिशन के सुपुर्द किया गया था. अब पांच साल बाद फिर इसे निकाला गया है. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार इस बार इसे लेकर गंभीर है.
धारा 370 का मामला सुप्रीम कोर्ट में है
कांग्रेस नेता ने कहा कि अगर केंद्र की मोदी सरकार यूसीसी लाती है तो उसका मसौदा देख कर ही हम कोई प्रतिक्रिया देंगे. एनआरसी का जिक्र करते हुए कहा, इस एक्ट की असम में बहुत मांग थी, लेकिन नतीजा काफी विपरीत रहा. उन्होंने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाने को लेकर कहा कि इसके आने से कश्मीर के लोगों के साथ ही जम्मू और लद्दाख के लोगों के भी अधिकार प्रभावित हुए हैं. अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है.