Lagatar Desk: कोरोना संकट के बीच भारतीय सेना के तीन सेनाअध्यक्षों ने पिछले दिनों ट्वीट किया. सेनाध्यक्षों ने जो कहा है, वह केंद्र की मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा करता है. उनका इशारा भी वही है, जो देश के अधिकांश लोग बोल रहे हैं. वह यह कि मोदी सरकार ने कोरोना संकट को लेकर लापरवाही की. पुराने अनुभव से नहीं सीखा. संकट के लिये दूसरों को ब्लेम कर रहे हैं और चुनावी रैलियों व आस्था के कार्यक्रम ने हालात बिगाड़े.
हमारा देश है युद्ध की स्थिति में- जनरल वेद मलिक
कारगिल युद्ध के समय भारतीय सेनाध्यक्ष रहे जनरल वेद मलिक ने 18 अप्रैल को एक ट्वीट कर कहाः हमारा देश युद्ध की स्थिति में है. कल (17 अप्रैल) को महामारी में 1338 लोगों की मौत हुई. यह कारगिल युद्ध में शहीद 2.5 गुणा है. क्या देश इस युद्ध पर फोकस है ? चुनावी रैलियां, आस्था के कार्यक्रम, किसान आंदोलन, संसाधनों पर लड़ाई-झगड़े…. जागो भारत !
इतिहास से नहीं सिखते तो वो खुद को दोहराता है- जनरल रामेश्वर रॉय
रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल रामेश्वर रॉय ने भी 18 अप्रैल को एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखाः एक पुरानी कहावत है कि अगर आप इतिहास नहीं सीखते हैं तो इतिहास दुबारा लौट आता है. कोरोना की दूसरी लहर पर हमारे देश की स्थिति इस कहावत का सबसे अच्छा उदाहरण है. हम हमेशा इतिहास से सीखने से इंकार करते हैं.
लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने दिये तीन सुझाव
मोदी सरकार में पाकिस्तान पर हुए सर्जिकल स्ट्राईक करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा ने 19 अप्रैल को एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा हैः हम पूर्ण विकसित कोरोना के संकट में हैं. मैं अपने अनुभव से राष्ट्रीय नेतृत्व को तीन सुझाव देता हूं. पहला- संकट को स्वीकार करे. दूसरा- केंद्र इस संकट की पूरी जिम्मेदारी ले. दूसरों को ब्लेम ना करें. तीसरी- संकट को कम समझे बिना संकट को हल करने में सार्थक भूमिका निभाएं.