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मोदी सरकार का विनिवेश टारगेट फेल, 36 में से 9 कंपनियों का हुआ प्राइवेटाइजेशन, 1.75 लाख करोड़ नहीं, लक्ष्य अब 78 हजार करोड़

LagatarDesk : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट पेश किया. सरकार ने इस बार अगले वित्त वर्ष के लिए अपने विनिवेश के टारगेट को आधे से भी कम कर दिया है. सीतारमण ने पिछले साल चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से 1.75 लाख करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा था. लेकिन यह टारगेट को पूरा नहीं हो पाया. इसलिए इस बार इसमें कई संशोधन किये गये. बजट में चालू वित्त वर्ष के लिए 1.75 लाख करोड़ के टारगेट को घटाकर 78 हजार करोड़ रुपये कर दिया.

अगले वित्त वर्ष में विनिवेश से 65 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य

मालूम हो कि बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए विनिवेश के टारगेट को और कम रखा गया है. सरकार ने अप्रैल 2022 से मार्च 2023 के दौरान विनिवेश से 65 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य तय किया है. सरकार ने अपने विनिवेश टारगेट को 55 फीसदी से ज्यादा घटा दिया है.

चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से मिले 27,330 करोड़

बता दें कि चालू वित्त वर्ष में सरकार की कई बड़ी विनिवेश योजनाएं थीं. लेकिन यह पूरा नहीं हो पाया. इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में सरकार ने विनिवेश से 27,330 करोड़ जुटाये. संशोधित लक्ष्य को देखें तो सरकार को चालू वित्त वर्ष में 78 हजार करोड़ जुटाने हैं. लेकिन अभी तक 27,330 करोड़ का लक्ष्य पूरा हुआ है. इस तरह सरकार को अभी करीब 50 हजार करोड़ और जुटाने हैं. इसके बाद अगले वित्त वर्ष में 65 हजार करोड़ जुटाने हैं. यानी अगले 14 महीने में 1.10 लाख करोड़ विनिवेश करने का टारगेट है.

चालू वित्त वर्ष में केवल एअर इंडिया का प्राइवेटाइजेशन

आर्थिक समीक्षा के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में बीपीसीएल, एअरइंडिया, शिपिंग कॉरपोरेशन, कंटेनर कॉरपोरेशन, आईडीबीआई बैंक, बीईएमएल जैसी कई सरकारी कंपनियों का प्राइवेटाइजेशन करना था. लेकिन केवल एअर इंडिया का ही विनिवेश हो पाया.

36 में से 9 कंपनियों का प्राइवेटाइजेशन पूरा

बता दें कि 2016 में सरकार ने 36 कंपनियों का चयन किया था. जिसका प्राइवेटाइजेशन होना था. लेकिन अभी तक केवल 9 कंपनियों का ही विनिवेश पूरा हुआ है. इन 9 कंपनियों में एअर इंडिया, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन, एचएससीसी इंडिया, नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन, ड्रेजिंग कॉरपोरेशन, टीएचडीसी इंडिया, नॉर्थ-ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन और कामराजर पोर्ट शामिल हैं.

मार्च तक सरकार इन कंपनियों में बेचेगी अपनी हिस्सेदारी

सरकार इस साल मार्च तक एलआईसी का आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है. इसके अलावा मार्च 2022 तक पवन हंस का विनिवेश करने की भी योजना है. साथ ही एक्सिस बैंक और आईटीसी में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी चल रही है [wpse_comments_template]

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