Vishna Nagar
मोदी जी की नवीनतम हमला थ्योरी. यह नया आविष्कार है- भाजपा की आईटी सेल का. भारत की छवि पर हमला. भारत को बदनाम करने की साजिश. भारत के योग पर हमला. भारत की चाय पर हमला. भारत के चाय मजदूरों की रोजी-रोटी पर हमला. हमला ही हमला. साजिश ही साजिश. दुश्मन ही दुश्मन. जित देखूं, तित हमला. यानी भारत के एकमात्र हितचिंतक ये ही बचे हैं. भारत के चौकीदार, भारत के सेवक, प्रधान सेवक, केवल यही हैं.
तो इस बार असम, बंगाल तमिलनाडु, केरल आदि के चुनावों में हमला थ्योरी बेचेंगे. बिक गई तो इसे ही बेचते रहेंगे. वरना हिंदू-मुसलमान तो है ही इनके तरकश का आखिरी तीर.
तो ये अब हमला- थ्योरी बेचेंगे. अभी कहा यह अंतरराष्ट्रीय हमला है. फिर कहेंगे कि विपक्ष इनकी मदद कर रहा है. विपक्ष देश के विरुद्ध षड़यंत्र कर रहा है. अंतरराष्ट्रीय साजिश का हिस्सा है. ये हवा में तीर चलाकर एक हवाई शत्रु को मारते रहेंगे, वोट बटोरते रहेंगे.
तो साहब इस हमला थ्योरी से सावधान. दिलचस्प यह है कि भारत की छवि पर हमला करनेवाले ही हमला-हमला चिल्ला रहे हैं. ये संघ का सिद्धांत है. भारत के सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करो और कहो कि विपक्ष ऐसा कर रहा है. किसानों को मरने तड़पने के लिए छोड़ दो और कहो कि विपक्ष भड़का रहा है. अंतरराष्ट्रीय हस्तियां विरोध करें तो यह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है. यानी चित भी मेरी, पट भी मेरी, अंटा मेरे बाप का!
विपक्ष सब कर रहा है, ये बेचारे हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. हाय हाय, कितने भोले हैं ये गरीब!
और भाइयों बहनों भारत की छवि को तो ये सड़क पर कीलें बिछाकर, बेरिकेड्स पर बेरिकेड्स खड़े करके बहुत सुधार रहे हैं न! गोहत्या, लव जिहाद, नफरत के नये-नये आविष्कार करके ये सुधार रहे हैं न! अर्थव्यवस्था को गड्ढे में डालकर, प्रेस की स्वतंत्रता के साथ खिलवाड़ करके, मानवाधिकारों का हनन करके, कुपोषण को बढ़ावा देकर ये भारत की ‘ छवि’ सुधार रहे हैं. हमलावर ही हमला-हमला चिल्ला रहा है.
एक दिलचस्प कथा याद आ रही है. चोर को पकड़ने वालों में शामिल होकर चोर भी चिल्ला रहा था- पकड़ो चोर, पकड़ो चोर.
डिस्क्लेमरः लेखक देश के जाने-माने पत्रकार हैं. यह उनके निजी विचार हैं और यह लेख उनके फेसबुक वॉल पर प्रकाशित हो चुका है.