Lagatar Desk
कोरोना संकट से सही तरीके से निपटने में विफल रहने के कारण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में कमी आयी है. अमेरिका की कंपनी मॉर्निंग कंसल्ट के ताजा सर्वे से पता चलता है कि नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता में 22 प्रतिशत की कमी आयी है. अब यह 63 प्रतिशत पर आ गई है. यह कंपनी दुनिया भर के प्रमुख नेताओं की इमेज और लोकप्रियता पर नजर रखने का काम करती है.
इस कंपनी ने अपने सर्वे में पाया है कि अप्रैल माह में मोदी की लोकप्रियता में 22 प्रतिशत की गिरावट आयी है. नरेंद्र मोदी की छवि और लोकप्रियता को सबसे अधिक नुकसान विदेशों में हुआ है. क्योंकि नरेंद्र मोदी कोरोना की दूसरी लहर को रोक नहीं पाये. बल्कि उन्होंने संक्रमण को बढ़ाने में भूमिका निभायी.
अब हालात यह है कि “मोदी है तो मुमकिन है” वाला नारा अब “मोदी है तो मुश्किल है” के रूप में लोगों के जेहन में बसने लगा है. लेकिन सरकार को इसकी शायद ही चिंता हो. क्योंकि मोदी सरकार यह अच्छे से समझ रही है कि चुनाव में तो मंदिर-मस्जिद मुद्दा ही चलेगा.