- लोकसभा में बोले- कल कुछ लोग उछल रहे थे
- राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का दिया जवाब
New Delhi : संसद में बजट सत्र के सातवें दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए राहुल गांधी समेत विपक्षी सदस्यों को करारा जवाब दिया. पीएम ने एक शेर पढ़ कर संबोधन की शुरुआत की. कहा – ये कह कह कर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं. मोदी ने कहा कि कई लोगों ने संसद में राष्ट्रपति का अपमान किया. वह भाषण के दौरान कन्नी काट गए. राहुल गांधी का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा कि एक बड़े नेता ने तो पूरी तरह से महामहिम का अपमान किया. सदन में सभी ने अपनी रूचि और प्रकृति के अनुसार अपनी बाते रखीं. और जब इन बातों को गौर से सुनते हैं और समझने का प्रयास करते हैं, तो यह भी ध्यान में आता है कि किसकी कितनी क्षमता है, किसकी कितनी योग्यता और किसकी कितनी समझ है और किसका क्या इरादा है, जिसका देश मूल्यांकन करता है. लेकिन मैं कल देख रहा था कि कुछ लोगों के भाषण के बाद उनके समर्थक उछल रहे थे. उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है. लोकतंत्र हमारी रगों में है. आलोचना होनी चाहिए लेकिन इन्होंने नौ साल आरोप में गंवा दिए. चुनाव हार जाएं तो ईवीएम को दोष, भ्रष्टाचार की जांच हो तो एजेंसियों को गाली. उन्होंने कहा कि ईडी का धन्यवाद करना चाहिए कि उसने इन लोगों को एक मंच पर ला दिया है. जो काम देश के मतदाता नहीं कर पाए.
कोल स्कैम का भी जिक्र किया
पीएम मोदी ने यूपीए सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि जब न्यूक्लियर डील पर बात हो रही थी, तब ये नोट फॉर वोट में उलझे थे. पीएम मोदी ने 2जी, कोल स्कैम का भी जिक्र किया और कहा कि घोटालों के कारण दुनिया में देश बदनाम हुआ. उन्होंने कहा कि 2004 से 2014 के दशक में देश का बहुत नुकसान हुआ. 2030 का दशक भारत का है. पीएम मोदी ने कहा कि इनमें आतंक पर पलटवार करने का साहस नहीं था. देश के नागरिकों का 10 साल तक खून बहा.
गलीच आरोप को जनता कैसे स्वीकार करेगी
पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष पहले ये तय करे कि भारत कमजोर हुआ है या मजबूत. पहले कहते हैं कि देश कमजोर हुआ है. फिर कहते हैं कि भारत दूसरे देशों पर दबाव बनाकर फैसले करवा रहा है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग अब भी अहंकार में जी रहे हैं. वे सोचते हैं कि मोदी को गाली देकर ही रास्ता निकलेगा. पीएम ने कहा कि मोदी पर देशवासियों का ये भरोसा इनकी समझ के दायरे से बाहर है. ये ऐसे ही नहीं आया है. मोदी पर भरोसा अखबार और टीवी पर चेहरा दिखाकर नहीं आया है. देशवासियों के लिए, उज्ज्वल भविष्य के लिए जीवन खपा दिया है, पल-पल खपा दिया है. उन्होंने कहा कि आपके गलीच आरोप को जनता कैसे स्वीकार करेगी.
इनकी गालियों को 140 करोड़ देशवासियों से गुजरना होगा
पीएम मोदी ने कहा कि इनकी गालियों को 140 करोड़ देशवासियों से गुजरना होगा. जनता के आशीर्वाद के सुरक्षा कवच को झूठ के शस्त्र से तुम कभी भेद नहीं सकोगे. तुम परिवार के लिए जीते हो, मोदी 140 करोड़ लोगों के लिए जीता है. कुछ लोग परिवार तबाह करने पर लगे हैं. उन्होंने कहा कि समाज के वंचितों को वरीयता के संकल्प को लेकर हम चल रहे हैं. दशकों तक दलित, पिछड़े, आदिवासी को जिस हाल पर छोड़ दिया गया था, वो सुधार नहीं आया था जो संविधान निर्माताओं ने सोचा था. 2014 के बाद सरकारी योजनाओं का लाभ सबसे अधिक इन्हीं परिवारों को मिला है. पहली बार इन परिवारों में बिजली पहुंची है, नल से जल मिल रहा है. जो बस्तियां आपको चुनाव के समय ही याद आती थी, आज सड़क-बिजली पानी के साथ 4जी कनेक्टिविटी भी वहां पहुंच रही है. आदिवासी राष्ट्रपति के रूप में दिखती हैं, पूरा देश गौरव गान कर रहा है.
हार्वर्ड स्टडी का कुछ लोगों में बड़ा क्रेज
मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोगों में हार्वर्ड स्टडी का बड़ा क्रेज है. एक नेता ने कहा था हार्वर्ड में स्टडी होगी. हार्वर्ड में स्टडी हो चुकी है. इस स्टडी का टॉपिक है द राइज एंड डिक्लाइन ऑफ कांग्रेस पार्टी. उन्होंने शायराना हमला बोलते हुए दुष्ययंत कुमार की पंक्तियां पढ़ी और कहा कि पैरों के नीचे जमीन नहीं है लेकिन इन्हें यकीन नहीं है.
यूपीए ने हर मौके को मुसीबत में पलटा
मोदी बोले, अंतर्मन की चीजें उनको चैन से सोने भी नहीं देतीं. 2004 से 2014 आजादी के बाद सबसे अधिक घोटालों का दशक रहा. वही 10 साल कश्मीर से कन्याकुमारी, भारत के हर कोने में आतंकी हमले होते रहे. यही सूचना चलती रही कि अनजानी चीज को हाथ मत लगाना. 10 साल में कश्मीर से नॉर्थ ईस्ट तक हिंसा ही हिंसा. ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर भारत की आवाज इतनी कमजोर थी कि दुनिया सुनने को तैयार नहीं थी. इनकी निराशा का कारण ये भी है कि आज जब देश के 140 करोड़ लोगों को सामर्थ्य खिल रहा है. 4 से 14 तक इन्होंने वो अवसर गंवा दिया और हर मौके को मुसीबत में पलट दिया.
कुछ लोग स्वीकार नहीं कर पा रहे देश की तरक्की
मोदी ने विपक्षी दलों पर हमला बोलते हुए कहा कि आज देश हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है. कुछ लोग इसे स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. उन्होंने रिन्यूएबल एनर्जी में चौथे नंबर पर, मोबाइल मैन्यूफैक्चरिंग में दूसरा सबसे बड़ा देश बन जाने का जिक्र किया और कहा कि आज खिलाड़ी अपना रुतबा दिखा रहे हैं. भारत का दुनिया में डंका बज रहा है. भारत मैन्यूफैक्चरिंग का हब बन गया है. आज देश में हर क्षेत्र में आशा ही आशा नजर आ रही है लेकिन कुछ लोगों को ये नजर नहीं आ रहा है. उन्होंने स्टार्ट अप्स के तेजी से बढ़ने का भी जिक्र किया और कहा कि आज देश में 109 यूनिकॉर्न बन चुके हैं. उन्होंने काका हथरसी को कोट करते हुए कहा कि जिसकी जैसी सोच होगी, उसे वैसा ही नजर आएगा. पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग निराश हैं. ये निराशा भी ऐसे नहीं आई. एक तो जनता का हुकुम, बार-बार हुकुम. उन्होंने कहा कि 2014 के पहले अर्थव्यवस्था खस्ता हो गई, महंगाई डबल डिजिट में रही. कुछ अच्छा होता है निराशा और उभरकर सामने आ जाती है.
आज राष्ट्रहित में फैसले लेने वाली सरकार
पीएम मोदी ने कहा कि पिछले दो से तीन दशक अस्थिरता के रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज देश में स्थिर सरकार है, फैसले लेने वाली सरकार है. उन्होंने कहा कि आज देश आत्मविश्वास से भरा है. डिजिटल इंडिया की हर तरफ वाह-वाही हो रही है. एक जमाना था जब छोटी टेक्नोलॉजी के लिए भी देश तरसता था. उन्होंने वैश्विक अस्थिरता, युद्ध की स्थिति का भी जिक्र किया और कहा कि इच्छाशक्ति से हम सुधार कर रहे हैं. आज राष्ट्रहित में फैसले लेने वाली सरकार है. ये सुधार मजबूरी में नहीं किए गए हैं.
राष्ट्रपति का अभिभाषण संकल्प से सिद्धि तक की यात्रा का खाका
पीएम मोदी ने कहा कि संकट के माहौल में देश को जैसे संभाला, पूरा देश आत्मविश्वास भरा हुआ है. उन्होंने कहा कि चुनौती के बिना जीवन नहीं है. 140 करोड़ लोगों का सामर्थ्य चुनौती से भरा हुआ है. पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति देश की बहन बेटियों को प्रेरणा हैं. राष्ट्रपति ने आदिवासी समाज का गौरव बढ़ाया. आदिवासी समाज में गौरव की अनुभूति है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण संकल्प से सिद्धि तक की यात्रा का खाका है.
दूरदर्शी था राष्ट्रपति का भाषण- पीएम मोदी
लोकसभा में पीएम ने कहा, मैं सदन का धन्यवाद करना चाहता हूं कि मुझे राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा करने का अवसर मिला है. राष्ट्रपति का भाषण दूरदर्शी था. आज आदिवासी समाज का सम्मान बढ़ा है. अपने विजनरी भाषण में राष्ट्रपति ने हम सबका और करोड़ों देशवासियों का मार्गदर्शन किया है. आदिवासी समाज में जो गौरव की अनुभूति हो रही है, उनका आत्मविश्वास बढ़ा है.
जय श्रीराम के नारे के साथ शुरू हुआ प्रधानमंत्री का संबोधन
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दे रहे हैं. पीएम मोदी का संबोधन जय श्रीराम के नारे के साथ शुरू हुआ. पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत में राष्ट्रपति का अभिनंदन किया और कहा कि हम करोड़ों देशवासियों का विजनरी भाषण में मार्गदर्शन किया है. प्रधानमंत्री का संबोधन शुरू होने से पहले सदन में विपक्षी सदस्यों ने अडानी मुद्दे पर जेपीसी जांच की मांग को लेकर तख्तियां लहराईं. इस पर स्पीकर ओम बिरला ने टोका और कहा कि आपको नेम किया जा सकता है. इसके बाद बीआरएस के सदस्यों ने सदन से वॉकआउट कर दिया.
संबोधन के दौरान विपक्ष का हंगामा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के दौरान विपक्षी दलों ने जमकर हंगामा किया. विपक्षी सांसदों ने अडानी सरकार और जेपीसी के नारे लगाए. स्पीकर ओम बिरला हंगामा कर रहे विपक्षी सदस्यों को टोकते हुए कहा कि नेता सदन के संबोधन के दौरान इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है.
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