- 18 को श्रीकृष्ण चेतना मंच करेगा एमपी के सीएम डॉ मोहन यादव का अभिनंदन
- राजद का ``एम-वाई`` समीकरण टूट के कगार पर
Gyanvardhan Mishra Patna : बिहार में जातीय समीकरण को साधे बिना चुनाव में सफलता प्राप्त करना मुश्किल है. इसलिए निकाय हो या विस या फिर लोस चुनाव, सभी राजनीतिक दल जातीय समीकरण साधने के हर तरह के हथकंडे अपनाने में जुट जाते हैं. देश में आमचुनाव की डुगडुगी बजने वाली है, इसलिए फिर सियासतदानों की जातीय पैंतरेबाजी शुरू हो गयी है. बिहार में पक्ष और विपक्ष दोनों तरफ से जातीय गोलबंदी की कवायद की जा रही है. महागठबंधन भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने की फिराक में हैं, वहीं भाजपा भी राजद के बेस वोट बैंक में घुसपैठ करने की कोशिश में है. 14 नवंबर को गोवर्धन पूजा के मौके पर भाजपा नेता और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय के संरक्षण में पटना के बापू सभागार आयोजित ``यदुवंशी समागम`` को इसी क्रम में देखा गया. इस आयोजन में 20 हजार यदुवंशियों को भाजपा की सदस्यता दिलाने का दावा किया गया. अब फिर यादवों का मन मोहने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आ रहे हैं. भाजपा के बड़े नेता नंदकिशोर यादव के नेतृत्व में श्रीकृष्ण चेतना मंच के बैनर तले श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में बड़ा कार्यक्रम हो रहा है, जिसमें मोहन यादव का अभिनंदन होगा. डॉ मोहन के सम्मान की तैयारियों के लिए नंदकिशोर यादव के आवास पर हुई बैठक में यादव समाज के सूबे के प्रभावशाली लोग जुटे. इसको लेकर सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति राजेंद्र प्रसाद की अध्यक्षता में श्री कृष्ण चेतना मंच का गठन किया गया. महासचिव रिटायर आईएएस अधिकारी डॉ. गोरे लाल यादव बनाये गये हैं. पटना विवि के डीन डॉ. अनिल कुमार, राजभूषन आदि भी समिति में शामिल हैं. इस कार्यक्रम के माध्यम से भाजपा यादव वोटरों को अपने पक्ष में गोलबंद करने का प्रयास करेगी. ज्ञातव्य है कि राजद का ``एम-वाई`` ( मुस्लिम-यादव ) समीकरण खंडित होता जा रहा है. ``एम`` का जहां जदयू से जुड़ाव बढ़ा है, वहीं भाजपा ``वाई`` को अपनी ओर खींचने में लगी है.
11 लोस सीटों पर यादव वोट निर्णायक भूमिका में
बिहार के 40 में से 11 लोकसभा सीटों पर यादव वोट निर्णायक भूमिका अदा करते हैं. ऐसी सीटों में अररिया, किशनगंज, जहानाबाद, बांका, मधुबनी, सिवान, नवादा, उजियारपुर, छपरा, मधेपुरा, पाटलिपुत्र जैसी सीटें शामिल हैं. यादव वोटरों को अपने पक्ष में गोलबंद कर भाजपा अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है. दरअसल बिहार में लालू की एक बार फिर से सक्रियता बढ़ने और यादव वोट बैंक को गोलबंद करने की कोशिशों को देखते हुए इसका रुख अपनी ओर करने के लिए भाजपा से जुड़े यादव नेता मैदान में कूद पड़े हैं. मंच के सूत्रों के अनुसार, आमंत्रण पत्र पार्टी लाइन से हट कर वितरित किया जा रहा है. [wpse_comments_template]