Ranchi: रांची एसीबी की टीम ने सदर पश्चिमी अंचल के सर्किल इंस्पेक्टर मोहन पांडेय के मुंशी राकेश कुमार को 20 हजार रुपये घूस लेते मंगलवार (5 सितंबर) को रंगेहाथ पकड़ा था. एसीबी ने जांच में पाया की केस से धारा 307 हटाने के लिए इंस्पेक्टर मोहन ने मुंशी राकेश कुमार के माध्यम से 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी. लेकिन एसीबी की टीम के पहुंचने से पहले इंस्पेक्टर मोहन पांडेय अपने चैंबर से निकल गए. मोहन पांडेय वही अफसर हैं जिनके पिपरवार में रहते विधानसभा में ‘डीजीपी चोर’ का नारा गूंजा था.
यह मामला आज से करीब आठ साल पहले का है. जब मोहन पांडेय चतरा जिले के पिपरवार थाना प्रभारी हुआ करते थे. उस समय झारखंड में अर्जुन मुंडा की सरकार थी और जीएस रथ राज्य के डीजीपी थे. उस समय विधानसभा में ‘डीजीपी चोर’ का नारा लगा था. मोहन पांडेय डीजीपी को 25 लाख रुपये महीना देते थे और फसी अहमद पैसा वसूलते थे.
लातेहार में भी विवादास्पद रहे मोहन पांडेय
मोहन पांडेय लातेहार जिले में भी विवादास्पद रहे थे. विधानसभा चुनाव 2019 के दौरान पूर्व चंदवा थाना प्रभारी इंस्पेक्टर मोहन पांडेय की नक्सली अभियान में अच्छी समझ और सूचना तंत्र अच्छा होने की बात कहकर लातेहार के पूर्व एसपी प्रशांत आनंद ने तबादला रोकने का अनुरोध किया था. इसके अलावा चार दारोगा को लातेहार में ही रहने दिये जाने का अनुरोध किया गया था. पांचों का तबादला रोकने के लिए तर्क दिया गया था, कि पांचों पुलिस पदाधिकारी को उनके घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति एवं नक्सल विरोधी अभियान और नक्सलियों की गतिविधि की विशेष जानकारी है और इनका सूचना तंत्र भी अच्छा है.
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इनके जिला में बने रहने से विधानसभा चुनाव को शांतिपूर्वक व निष्पक्ष संपन्न कराने में सहायता मिलेगी. इसलिए विधानसभा चुनाव शांतिपूर्वक और निष्पक्ष संपन्न कराने के लिए पांचों पदाधिकारियों का लातेहार में बने रहना उचित रहेगा.
मजबूत सूचना तंत्र होने के बावजूद नक्सलियों की सक्रियता की जानकारी नहीं मिली
लातेहार जिले के चंदवा थाना क्षेत्र में 22 नवंबर 2019 हुई नक्सली घटना में चार जवान शहीद हो गए थे. जिसके बाद चंदवा थानेदार मोहन पांडेय पर गाज गिरी थी. पूर्व एसपी प्रशांत आनंद ने तत्काल प्रभाव से हटाते हुए मोहन पांडेय को लाइन हाजिर कर दिया था. उनकी जगह मदन कुमार शर्मा को चंदवा थाना प्रभारी बनाया गया था.
उस समय चंदवा थाना प्रभारी के पद पर पदस्थापित इंस्पेक्टर मोहन पांडेय की नक्सली अभियान में अच्छी समझ और सूचना तंत्र अच्छा होने की बात कहकर लातेहार के पूर्व एसपी प्रशांत आनंद ने तबादला रोकने का अनुरोध किया था. मजबूत सूचना तंत्र होने के बावजूद भी इंस्पेक्टर को 22 नवंबर 2019 की रात चंदवा के लुकइया मोड़ में हुई घटना की जानकारी नहीं मिली. ना ही नक्सलियों की सक्रियता की जानकारी मिली थी.