- सीवीसी से शिकायत, पसंदीदा कंपनियों को आर्थिक लाभ पहुंचा रहे अफसर
- वित्त मंत्रालय से भी की गई मामले की जांच
Amit Singh
Ranchi : झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी (सीयूजे) में मनी लॉन्ड्रिंग का खेल चल रहा है. यहां एक बार फिर टेंडर घोटाला सामने आया है. पूर्व में भी टेंडर घोटाला हुआ था, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है. अभी जांच पूरी भी नहीं हुई कि करोड़ों के कई टेंडर जांच के दायरे में आ गये हैं. सेंट्रल विलिजेंस कमिशन (सीवीसी) और वित्त मंत्रालय तक शिकायत पहुंच चुकी है. सीवीसी टेंडर और भुगतान से संबंधित दस्तावेज एकत्रित कर रहा है. वहीं वित्त मंत्रालय ने शिकायत करने वाले को पत्र के माध्यम से बताया है कि पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच करायी जायेगी. वित्त मंत्रालय ने मामले की पूरी जानकारी सीयूजे के कुलपति डॉ. क्षितिज भूषण दास को भी पत्र के माध्यम से दे दी है. इस टेंडर घोटाला में सीयूजे के कुलपति डॉ. क्षितिज भूषण दास, एसोसिएट प्रोफेसर मयंक रंजन और डिप्टी रजिस्ट्रार अब्दुल हलीम के शामिल होने का आरोप लगाया गया है. उन पर पसंदीदा कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप है.
नया टेंडर रद्द कर पुरानी कंपनी को दे दिया एक्सटेंशन
सीयूजे में दो अलग-अलग टेंडर हुए. दोनों टेंडर में विवि के जिम्मेवारों ने नियम ताक पर रखकर करीबियों को फायदा पहुंचाया. विवि में हॉस्पिटैलिटी और फर्नीचर खरीदारी के लिए टेंडर हुआ था, जिसमें कई कंपनियां शामिल हुईं थीं. टेंडर प्रक्रिया पूरी करने के बाद अचानक टेंडर रद्द करते हुए जिम्मेवारों ने चहेतों को काम सौंप दिया. मुंबई की कंपनी सानवी स्टार हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड, हॉस्पिटलिटी के टेंडर (सीयूजे/डीएसडब्ल्यू/हॉस्टल मेस टेंडर/2021/158/426) में एल वन हुआ था. इस कंपनी को वर्क ऑडर देने के बजाये विवि ने टेंडर ही रद्द कर दिया. पूर्व से हॉस्पिटैलिटी का काम देख रही पुंदाग की कंपनी आरआरबी फूड्स को एक्सटेंशन दे दिया गया, जो टेंडर में शामिल ही नहीं हुई थी.
एसोसिएट प्रोफेसर की पत्नी हैं कंपनी में पार्टनर
सीवीसी को भेजे गये दस्तावेज के अनुसार, आरएस बी फूड्स कंपनी पिछले एक साल से विवि में काम कर रही है. इस कंपनी में सुरेश कुमार और ज्योति साही पार्टनर हैं. ज्योति साही एसोसिएट प्रोफेसर मयंक रंजन की पत्नी हैं. आरएस बी फूड्स से जुड़े लोगों ने पहले सानवी स्टार हॉस्पिटलिटी प्राइवेट लिमिटेड (एल वन कंपनी) से कई बार संपर्क किया. टेंडर प्रक्रिया से पेपर वापस लेने को कहा. जब कंपनी नहीं मानी, तो जिम्मेवारों ने टेंडर (जीईएम/2023/बी/3280515) रद्द कर दिया. फिर आरएस बी फूड्स को छह माह का एक्सटेंशन दे दिया.
फाइनेशियल बीड में चार कंपनियों का हुआ था चयन
सीयूजे के हॉस्टल मेस टेंडर में प्रक्रिया के तहत फाइनेशियल बीड के लिए चार कंपनियों का चयन हुआ था. इसमें सेफ हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज, सानवी स्टार हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड, लक्ष्मी चंद एंड सन्स और मेसर्स न्यू हॉट लिप्स शामिल हैं. फाइनांशयिल बिड में सेफ हॉस्पिटैलिटी को हटा दिया गया. इसका रेट बहुत कम था, प्रतिमाह 118 रुपये प्रति स्टूडेंट, लक्ष्मी चंद एंड संस का रेट प्रतिमाह के लिए 1 करोड़ 58 लाख 40 हजार और न्यू हॉट लिप्स का रेट 1 करोड़ 75 लाख 10 हजार 400 रुपये था.
गोदरेज को दरकिनार कर अपनों को सौंपा काम
सीयूजे में गत माह 5 करोड़ 50 लाख 69 हजार रुपये के फर्नीचर खरीदे गये. फर्नीचर खरीदारी के लिए दो बार टेंडर निकले. पहले टेंडर में गोदरेज कंपनी एल वन घोषित हुई. बिना कारण बताए उस टेंडर को रद्द कर दिया. जब दूसरी बार टेंडर हुआ, तो टेंडर टीम ने डूरियन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को एल वन घोषित कर दिया. नियमों की अनदेखी कर जिम्मेवारों ने अपनी पसंदीदा कंपनी को काम सौंप दिया.
कंपनी को भुगतान के लिए नया अकाउंट खुलवा दिया
डूरियन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को काम सौंपते ही एडवांस 2 करोड़ 80 लाख 57 हजार रुपये दे दिए गए. यह भुगतान 11 अप्रैल 2023 को किया गया. दस्तावेज के अनुसार, विवि ने यह राशि कंपनी को बिना फर्नीचर आपूर्ति किए ही कर दिया. विवि का एक नया अकाउंट खुलवा दिया, जबकि विवि का पहले से करंट और कैपिटल अकाउंट है. जिम्मेवारों ने कंपनी को भुगतान करने के लिए विवि के नए अकाउंट में पुराने अकाउंट से पैसा ट्रांसफर किया गया. विवि की ओर से नए अकाउंट के माध्यम से कंपनी को कुल 2 करोड़ 92 लाख 85 हजार रुपये का भुगतान किया. [wpse_comments_template]
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