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त्रिकूट रोपवे दुर्घटना में दामोदर रोपवेज एंड इंफ्रा लिमिटेड से 9.11 करोड़ की वसूली के लिए मनी सूट दायर

Shakeel Akhter Ranchi: देवघर के त्रिकूट रोपवे दुर्घटना में दामोदर रोपवेज से 9.11 करोड़ रुपये दंड की वसूली के लिए मनी सूट दायर किया गया है. 10 अप्रैल 2022 में हुई इस दुर्घटना में तीन लोगों की मौत हो गयी थी. सरकार ने दुर्घटना की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय टीम का गठन किया था. सरकार द्वारा करायी गयी उच्च स्तरीय जांच में दुर्घटना के लिए दामोदर रोपवेज को दोषी करार दिया गया था. इसके बाद उस पर दंड लगाने का फैसला किया गया था.  विधि विभाग द्वारा दंड की कार्रवाई को न्यायोचित करार दिये जाने के बाद सरकार के स्तर से कंपनी को पांच साल के लिए ब्लैक लिस्ट करने और 9.11 करोड़ रुपये दंड लगाने की सूचना जून 2024 में कंपनी को दी गयी थी.  इसके बाद दामोदर रोपवेज एंड इंफ्रा ने सरकार द्वारा की गयी कार्रवाई को न्यायालय में चुनौती दी. इसमें सरकार द्वारा की गयी दंडात्मक कार्रवाई को गलत और एक पक्षीय बताया गया था. कंपनी की ओर से दायर याचिका पर न्यायाधीश एसएन पाठक और न्यायाधीश नवनीत कुमार की पीठ में सुनवाई हुई. न्यायालय ने सुनवाई पूरी करने के बाद नवंबर 2024 में अपना फैसला सुनाते हुए दोमोदर रोपवेज की ओर से दायर याचिका खारिज कर दी.  न्यायालय से याचिका खारिज होने के बाद भी कंपनी ने सरकार को दंड की राशि का भुगतान नहीं किया. इसके बाद सरकार ने दंड की वसूली के लिए मनी सूट दायर करने का फैसला किया.  सरकार द्वारा किये गये इस फैसले के आलोक में झारखंड राज्य पर्यटन विकास निगम (जेटीजीसी) ने न्यायालय में मनी सूट दायर किया है. मामले में सुनवाई चल रही है.
सीएमइआरआई की जांच में मिले तथ्य - ग्रीस की मात्रा कम पायी गयी. मापदंड के अनुसार ग्रीस की मात्रा 6 होनी चाहिए लेकिन सिर्फ 0.9 पायी गयी. इसके शाफ्ट और बेयरिंग में घर्षण अधिक हुआ. जिससे शाफ्ट पर अधिक दबाव बढ़ा. - दामोदर वैली ने ऑपरेशन में लगे लोगों के प्रशिक्षण से संबंधित कोई ब्योरा नहीं दिया. सुरक्षा के लिए निर्धारित शर्तों के अनुसार ऑपरेशन और मेंटेनेंस में प्रशिक्षित लोगों को लगाना है. हालांकि इसमें किसी की शैक्षणिक योग्यता निर्धारित नहीं है.
त्रिकूट रोपवे से जुड़ी खास बातें
  • राइटस ने रोपवे की लागत 6.14 करोड़ रुपये बतायी थी.
  • राइट्स ने वर्ष 2005 में दामोदर रोपवे एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी को रोपवे निर्माण का काम दिया.
  • निर्माण पूरा करने के बाद राइट्स  ने 21-7-2009 को रोपवे पर्यटन विभाग को सौंप दिया.
  • 21 अगस्त 2008 को रोपवे को चलाने के लिए झारखंड टूरिज्म डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को सौंपा.
  • कॉरपोरेशन ने रोपवे के मेंटेनेंस के लिए दामोदर रोपवे एंड कंस्ट्रक्शन के साथ 11 जनवरी 2021 को इकरारनामा किया.
  • 10-4-2022 को दुर्घटना की वजह से रोपवे चलना बंद हो गया,  59 लोग रास्ते में ही फंस गये.
  • राहत कार्य के लिए सेना के जवानों ओर वायु सेना की मदद ली गयी.
  • 10 लोगों को जिला प्रशासन ने बचाया, बचाव कार्य के दौरान दो यात्रियों की मौत हो गयी.
  • पर्यटन विभाग ने 19-4-2022 को दुर्घटना की जांच का आदेश दिया.
  • जांच समिति ने सरकारी प्रयोगशाला (जैसे सेंट्रल मैकेनिकल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट) से जांच कराने का फैसला किया.
  • इस फैसले के आलोक में जांच का काम सीएमआरआई को दिया गया.
जांच का प्रकार
  1. मटेरियल टेस्ट
  2. मेटालोग्राफी
  3. सरफेस डिफेक्ट टेस्ट
  4. शाफ्ट के फेल करने कारण
  5. थ्रस्ट बेयरिंग
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