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ऑडिट के नाम पर चल रहा है पैसों के लेन देन का खेल

Koderma: जिले भर में आंगनबाड़ी केंद्रों के ऑडिट को लेकर एजी ऑफिस रांची से एक ऑडिट टीम आयी हुई है. जिनके नाम सीनियर ऑडिटर आकाश कुमार, एएओ रवि राज और एएओ नवीन कुमार हैं. कोडरमा प्रखंड की आंगनबाड़ी सेविकाओं की ओर से शिकायत मिली थी कि ऑडिट के नाम पर प्रत्येक केंद्र से 1000 रुपये लिए जा रहे हैं. इसे भी पढ़ें: किसानों">https://lagatar.in/raising-the-standard-of-living-of-farmers-is-my-first-priority-badal-patralekh/40219/">किसानों

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आंगनबाड़ी सेविकाओं ने दी जानकारी

इस बात की पुष्टी के लिए कुछ आंगनबाड़ी सेविकाओं से बात करने पर पता चला कि यह बात सच है. इस दौरान बाल विकास परियोजना पदाधिकारी सबिता वर्मा से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने इससे इनकार कर दिया. इसे लेकर 4 मार्च को ऑडिटर नवीन कुमार से बात करने का प्रयास किया गया. जिस कमरे में ऑडिट किया जा रहा था, मीडिया का नाम सुनते ही ऑडिटर ने उस कमरे का दरवाजा अंदर से बंद कर दिया. उसके बाद ऑडिटर नवीन कुमार और उनकी टीम से संपर्क करने का कई बार प्रयास किया गया लेकिन सफलता नहीं मिली. लगातार... प्रयास के दौरान बाद पता चला कि 19 मार्च से जयनगर प्रखंड में आंगनबाड़ी केंद्रों का ऑडिट होने वाला है. वहां भी प्रति आंगनबाड़ी केंद्रों से 1200 रुपये लिये गये थे.

जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हूं: ऑडिटर नवीन कुमार

जयनगर प्रखंड विकास सह परियोजना पदाधिकारी से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि मैंने 4 दिन पहले ही अतिरिक्त प्रभार लिया है. मुझे इसकी कोई जानकारी नहीं है. इस बाबत जयनगर बाल विकास परियोजना कार्यालय में ऑडिट कर रहे ऑडिटर नवीन कुमार से संपर्क किया गया. और पूछा गया कि उन पर सेविकाओं ने आरोप लगाया है कि कोडरमा प्रखंड में प्रति सेविका 1000 रुपये एवं जयनगर प्रखंड में प्रति सेविका 1200 रुपए लिये गये हैं? इसके जवाब में उन्होंने खीझते हुए कहा कि मैं आपके सवालों का जवाब देने के लिए बाध्य नहीं हूं. ज्ञात हो कि कोडरमा जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की कुल संख्या 749 है. कोडरमा में 210 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. उसमें से एक केंद्र बंद है. वहीं जयनगर प्रखंड में 190 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. बता दें कि कोडरमा जिले में कुल 6 प्रखंड हैं, जिसमें से अभी चार प्रखंडों का ऑडिट होना बाकी है. ऑडिट के नाम पर सेविकाओं को डरा धमका कर और खातापंजी को मंगवाकर ऑडिट के नाम पर केवल खाना पूर्ति की जाती है. इसे भी पढ़ें: मुंबई">https://lagatar.in/former-mumbai-police-commissioner-paramveer-singhs-letter-letter-and-vaibhav-krishnas-letter/40216/">मुंबई

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