Ranchi : झारखंड विधानसभा का पांच दिवसीय मॉनसून सत्र एक अगस्त से शुरू हो रहा है, जिसमें हेमंत सोरेन सरकार के लिए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी. इस सत्र में वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा, जो राज्य के विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण होगा.
सत्र की अवधि छोटा होने के कारण समय प्रबंधन भी एक चुनौती होगी. सरकार और विपक्ष दोनों को अपनी-अपनी प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए समय का सदुपयोग करना होगा. इस सत्र में कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाने की संभावना है, जो राज्य सरकार की प्राथमिकताओं के इर्द-गिर्द होंगे.
कई महत्वपूर्ण विधेयक हो सकते हैं पेश
• आदिवासी भूमि संरक्षण विधेयक: आदिवासी भूमि के गैरकानूनी हस्तांतरण को रोकने के लिए सख्त प्रविधान शामिल हो सकते हैं.
• झारखंड खनन और पर्यावरण संरक्षण विधेयक: खनन गतिविधियों के कारण पर्यावरणीय क्षति को कम करने और स्थानीय समुदायों के लिए पुनर्वास नीतियों को मजबूत करने के लिए पेश हो सकता है.
• झारखंड पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, 2025: ग्राम पंचायतों को और सशक्त बनाने के लिए वित्तीय और प्रशासनिक अधिकारों में वृद्धि करेगा.
• झारखंड साइबर अपराध निवारण विधेयक: बढ़ते साइबर अपराधों को नियंत्रित करने के लिए सख्त दंडात्मक प्रावधान और जागरूकता अभियानों पर जोर होगा.
अनुपूरक बजट
वित्तीय वर्ष 2025-26 का पहला अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा, जो राज्य के विकास और कल्याणकारी योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण होगा. इस बजट में सरकार की प्राथमिकताओं को दर्शाया जाएगा और राज्य के विकास के लिए आवश्यक संसाधनों का आवंटन किया जाएगा.
विधि व्यवस्था, रोजगार सहित आर्थिक मुद्दे भी गूंजेंगे
मॉनसून सत्र में विधि व्यवस्था, रोजगार, भ्रष्टाचार सहित आर्थिक मुद्दे भी सदन में गूंजेंगे. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों अपनी-अपनी रणनीति के साथ तैयार हैं. भाजपा, सरकार को घेरने के लिए कई मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी.जिनमें स्थानीय नीति और नियोजन नीति, भ्रष्टाचार,विधि व्यवस्था की लचर स्थिति आर्थिक मुद्दे और राज्य के विकास की गति भी शामिल है. भाजपा नेताओं ने संकेत दिए हैं कि वे सदन में सरकार से जवाब मांगेंगे.
सत्ता पक्ष भी विपक्ष के सवालों का देगा जबाब
सत्ता पक्ष भी अपनी उपलब्धियों को गिनाने और विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की तैयारी में है. सरकार ने कई विधेयकों को पारित कराने की योजना बनाई है. सत्ता पक्ष के नेता विपक्ष के हमलों का जवाब देने और अपनी सरकार की नीतियों को न्यायसंगत ठहराने की कोशिश करेंगे. यह भी देखना दिलचस्प होगा कि इस मॉनसून सत्र में क्या कुछ नया देखने को मिलता है.