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संसद का मॉनसून सत्र मोदी सरकार की अग्नि परीक्षा, कांग्रेस चौतरफा हमला करने को तैयार

New Delhi : संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होने वाला है. इससे पहले कांग्रेस ने कल मंगलवार को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में रणनीति समूह की बैठक हुई. बैठक उनके आवास 10, जनपथ पर हुई.

 

  

 

पार्टी ने निर्णय लिया कि मानसून सत्र के दौरान वह पहलगाम हमले के आतंकियों का अब तक पता नहीं चलने, ऑपरेशन सिंदूर स्थगित करने, बिहार में जारी मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान सहित अन्य मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरा जायेगा.  इसके अलावा जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने, किसानों की समस्या, बेरोजगारी, देश की सुरक्षा, अहमदाबाद विमान दुर्घटना पर सवाल उठाये जायेंगे.   

 

 

कांगेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स  पर लिखा, विपक्ष 21 जुलाई से एक उपयोगी राज्यसभा सत्र चाहता है. ऐसा होने के लिए, कई रणनीतिक, राजनीतिक, विदेश नीति और सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर बहस और चर्चा होनी चाहिए जो सार्वजनिक चिंता के विषय हैं. 

 

 

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आज एक्स पर पोस्ट कर संसद सत्र के सुचारू रूप से चलने के लिए सरकार और विपक्ष के बीच सहमति की बात कही. जयराम रमेश ने कहा कि यह सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है कि दोनों के बीच आम सहमति हो. दुर्भाग्य से, पिछले 11 वर्षों में, विधेयक अचानक पेश किये गये हैं और बिना किसी चर्चा के तुरंत पारित करने के लिए कहा गया. यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है. 

 

रमेश ने भारत-पाकिस्तान युद्धविराम पर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दावों पर संसद में पीएम मोदी से जवाब मांगा है. जयराम रमेश ने अपने पोस्ट में नरसिम्हा राव, राजीव गांधी सहित अटल बिहारी वाजपेयी का जिक्र किया. उन्होंने  लिखा कि मैंने खुद देखा है, जब मनमोहन जी प्रधानमंत्री थे, अटल बिहारी जी प्रधानमंत्री थे, पहला प्रयास सरकार की तरफ से किया जाता है.


 

 

उन्होंने कहा कि अफसोस की बात है कि पिछले 11 साल में जिस तरह से पार्लियामेंट में बुलडोजर चलाया गया. अचानक बिल लाकर कहा जाता है कि अभी पास करो, बिना किसी विश्लेषण के, बिना किसी अध्ययन के और बातचीत भी नहीं होती है.


  

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