Lagatar Desk : रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों की नाराजगी अब सीधे तौर देखने को मिल रही है. नाटो के प्रमुख मार्क रूटे ने भारत, चीन और ब्राजील को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने रूस से तेल और गैस खरीदना जारी रखा, तो उन पर अमेरिका की तरफ से कड़े आर्थिक प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं. मार्क रूटे ने कहा कि इन देशों को पुतिन पर दबाव डालना चाहिए, ताकि वह यूक्रेन के साथ शांति की बात करें. नहीं तो इसका सीधा असर भारत, चीन और ब्राजील की अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है.
🚨⚡️ NATO Secretary General Mark Rutte:
— RussiaNews 🇷🇺 (@mog_russEN) July 15, 2025
"If you are the President of China, or the Prime Minister of India, or the President of Brazil, and you are still trading with the Russians and buying their oil and gas, know that if that man in Moscow does not take peace negotiations… pic.twitter.com/yC2939XSqV
रूस से व्यापार किया तो पड़ेगा भारी
रशिया न्यूज के अनुसार, मार्क रूटे ने अमेरिकी सीनेटरों के साथ एक बैठक में कहा है कि अगर आप चीन के राष्ट्रपति हैं, या भारत के प्रधानमंत्री हैं, या ब्राजील के राष्ट्रपति हैं. फिर भी रूस के साथ व्यापार कर रहे हैं और उनका तेल व गैस खरीद रहे हैं, तो जान लीजिए कि अगर मॉस्को में बैठा वह व्यक्ति शांति वार्ता को गंभीरता से नहीं लेता, तो आप पर 100 फीसदी सेकेंडरी सैंक्शंस लगाए जाएंगे, जो आप पर बहुत भारी पड़ सकता है.
एक दिन पहले ट्रंप ने रूस को दी थी धमकी
मार्क रूटे का यह बयान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के ठीक एक दिन बाद आया है. इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि अगर रूस 50 दिनों के भीतर शांति समझौते के लिए तैयार नहीं होता, तो वह रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर कठोर टैरिफ लगाएंगे.
पुतिन पर शांति वार्ता के लिए दबाव बनाने को कह रहे मार्क रूटे
नाटो चीफ ने कहा है कि अब वक्त आ गया है कि ये देश व्लादिमीर पुतिन पर दबाव बनाएं ताकि युद्ध खत्म हो सके. उन्होंने साफ लहजे में कहा कि मैं इन देशों के नेताओं से अपील करता हूं कि पुतिन को फोन करके कहिए कि वह शांति वार्ता को गंभीरता से लें, नहीं तो आपके देशों पर बहुत नकारात्मक असर पड़ेगा. बता दें कि भारत, चीन और ब्राजील उन गिने-चुने बड़े देशों में शामिल हैं, जिन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बावजूद रूस से कच्चा तेल और अन्य ऊर्जा संसाधनों की खरीद नहीं रोकी है.
नए विधेयक लाने की तैयारी में अमेरिकी सांसद
अमेरिका के सीनेटर इस वक्त एक नए विधेयक पर काम कर रहे हैं, जिसमें रूस से व्यापार करने वाले देशों पर 500 प्रतिशत तक का टैरिफ लगाने का प्रस्ताव है. इसका मकसद रूस को आर्थिक रूप से पूरी तरह अलग-थलग करना है.
भारत-अमेरिका के बीच जल्द हो सकता है व्यापार समझौता
नाटो प्रमुख मार्क रूटे की चेतावनी के बीच भारत और अमेरिका एक नए व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, जिसमें अमेरिका की ओर से भारत पर 20 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने की आशंका है. हालांकि भारत अब तक रूस से तेल खरीद को अपने राष्ट्रीय हितों से जोड़ता रहा है और साफ करता रहा है कि वह किसी एक पक्ष के साथ नहीं है, बल्कि वैश्विक स्थिरता के लिए काम करता रहेगा.