Ranchi : झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन की शुरूआत हंगामे से हुई. सदन की कार्रवाई शुरू होते ही बीजेपी विधायक वेल में आ गए और हंगामा करने लगे. सदन की कार्रवाई शुरू होते ही प्रदीप यादव ने वित्त विभाग से केंद्र सरकार से राज्य के 35000 करोड़ बकाया राशि और केंद्र प्रायोजित योजनाओं की देय राशि की मांग को दोहराया और उनसे पूछना चाहा कि केंद्र सरकार से इस राशि की वसूली के लिए कोई ठोस कार्रवाई की गई है या नहीं, इसके जवाब में वित्त मंत्री रामेश्वर रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्र से बातचीत चल रही है.
वहीं माले विधायक विनोद कुमार सिंह ने गृह कार्य और आपदा प्रबंधन विभाग से पूछा कि साल 2022 में महिला अत्याचार से संबंधित 2366 ट्रायल फेल हो गए हैं और 2662 आरोपी बरी हो गए. दुष्कर्म और पॉक्सो में सजा की दर 25% से कम है, साथ ही उन्होंने राज्य के 90% थानों में एक भी महिला दारोगा का पद स्थापित नहीं है, इस मुद्दे को भी उठाया. प्रभारी मंत्री आलमगीर आलम ने इस पर कहा कि नियमानुसार कार्य हो रहा है. इस बीच भाजपा विधायकों के हंगामे के कारण स्पीकर ने सदन को 12:00 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया.
वहीं सत्र के दूसरे दिन कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने मणिपुर का मुद्दा उठाया. कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि अभी मणिपुर का केवल कुछ वीडियो ही वायरल हुआ है. सड़कों पर बहनों भाइयों को गाजर मूली की तरह कटा जाता है, बहनों के साथ बलात्कार हो रहा है, बच्चियों को मोलेस्ट किया जा रहा है. ये बिलकुल एक्सेप्टेबल नहीं है. इन सब की जिम्मेदार मोदी सरकार है.
वहीं विधायक इरफान अंसारी ने कहा कि 2024 में आ गई है आई एन डी आई ए (INDIA) और नरेंद्र मोदी जी गए काम से. हम बहनों को इंसाफ दिलाएंगे. राहुल बैक, इंडिया बैक, मोदी जी गॉन. जिसके बाद सदन में पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से हंगामा होने लगा.
स्थानीय नीति को लेकर भाजपा ने दिया धरना
इससे सदन के बाहर पक्ष और विपक्ष दोनों ओर से प्रदर्शन किया गया. एक ओर भाजपा के विधायकों ने स्थानीय नीति, ओबीसी आरक्षण युवाओं के लिए नियोजन नीति की मांग को लेकर धरना दिया. बीजेपी विधायक नवीन जयसवाल ने कहा कि सरकार ने जो वादा किया था, उससे वह मुकर गई है. जिससे झारखंड के युवा अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. कहा कि सरकार को जल्द से जल्द इन नीतियों को लागू करना चाहिए. धरना में बीजेपी विधायक नीरा यादव, रणधीर सिंह, समरी लाल शशिभूषण मेहता, अनंत ओझा समेत तमाम विधायक शामिल थे.
वहीं दूसरी ओर से आई एन डी आई ए (INDIA) के घटक दलों ने प्रदर्शन किया. घटक दलों के नेताओं ने हाथ में तख्तियां लेकर मणिपुर घटना का विरोध किया.