- फिलहाल संयुक्त बिहार में बनी नियोजन नीति को ही लागू करे सरकार : राजेंद्र प्रसाद
झारखंडी विरोधी मानसिकता के लोग हावी हो रहे हैं
राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि संयुक्त बिहार में बने नियम- कानून से झारखंड में बहुत सारे काम हो रहे हैं. लेकिन दुर्भाग्य से नियोजन नीति के मामले में ऐसा नहीं हुआ. हमारे राजनेताओं की इच्छाशक्ति की कमी के कारण आज झारखंडी विरोधी मानसिकता के लोग हावी हो रहे हैं. जो लोग अपने मूल राज्य छोड़कर सिर्फ झारखंड के होकर रह गए हैं, उन्हें स्थानीय नीति का लाभ कैसे मिले, इस पर सरकार को जरूर देखना चाहिए. लेकिन स्थानीय नीति का लाभ कुछ लोग अपने मूल राज्य में भी लेना चाहते हैं और झारखंड में भी लेना चाहते हैं. असली समस्या यह है.सबसे अधिक नुकसान ओबीसी, एससी और सामान्य वर्ग को
राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि सरकार की नियोजन नीति से सबसे ज्यादा नुकसान मूलवासी सदान वर्ग से आने वाले ओबीसी, एससी और सामान्य वर्ग को हो रहा है. अभी सरकार द्वारा पीजीटी शिक्षकों की बहाली की गई है, जिसमें समान्य वर्ग में बाहरी राज्य बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. वहीं बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग में परियोजना पदाधिकारियों की नियुक्ति के लिए लोकसेवा आयोग ने विज्ञापन निकाला है. इसमें अनारक्षित वर्ग के लिए 34 पद है, जबकि एससी के लिए 2, एसटी के लिए 21, बीसी -1 के लिए 1, बीसी-2 के लिए 0 है. ईडब्ल्यूएस के लिए 6 है. इससे झारखंड में सदान वर्ग के सामान्य वर्ग, ओबीसी और एससी को भारी नुकसान हो रहा है. इसे भी पढ़ें – लैंड">https://lagatar.in/land-scam-ed-needs-answers-to-these-questions-from-amit-agarwal-and-dilip-ghosh/">लैंडस्कैम : ईडी को अमित अग्रवाल और दिलीप घोष से चाहिए इन सवालों के जवाब [wpse_comments_template]