Ranchi : टेंडर ग्राम स्थित झारखंड जगुआर कैंप में गुरुवार को पुलिस अधिकारियों और कर्मियों ने गुरुवार को विभिन्न प्रजातियों के 10,000 से अधिक पौधे लगाये. इनमें पाकड़ के 30, बरगद के 30, पीपल के 30, अमरूद के 1500, गुलमोहर के 200, जामुन के 1500, आंवला के 1000, चंदन के 5, रुद्राक्ष के 11, बेल के एक सौ, शीशम के 450, कदंब के 250, अशोक के 100, नीम के 250, पपीता के 50, करंज के 1500, सागवान के 500, महोगनी के 400, कटहल के 150, पलाश के एक सौ और आम के 2000 कुल-10,166 वृक्ष लगाये गये हैं. इस मौके पर एडीजी अभियान संजय आनंद लाठकर, आईजी अभियान होमकर अमोल विनुकांत, डीआईजी अनूप बिरथरे, कर्नल जेके सिंह, एसपी प्रशिक्षण, एसपी संजय मुकुल किस्पोट्टा, शैलेंद्र प्रसाद वर्णवाल और अजीत पीटर डुंगडुंग समेत कई कर्मी उपस्थित थे.
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डेढ़ लाख से अधिक वृक्ष लगाये जा चुके हैं
झारखंड जगुआर रांची का मुख्यालय टेंडर ग्राम, रातू रांची में अवस्थित है. जब झारखंड जगुआर को वर्तमान भूमि आवंटित की गई थी, तब झारखंड जगुआर को आवंटित पूरे परिसर में मात्र एक बरगद का वृक्ष था और चारों ओर पत्थर ही पत्थर था. परंतु झारखंड जगुआर के कर्मियों द्वारा पिछले 10 वर्षों में सतत रूप से वृक्षारोपण कर झारखंड जगुआर परिसर को हरा-भरा करने का काम किया है. वर्तमान में पूरे झारखंड जगुआर परिसर में डेढ़ लाख से अधिक वृक्ष लगाये जा चुके हैं. इस वर्ष मई के प्रथम सप्ताह में विभिन्न प्रजातियों के 7232 वृक्ष लगाये जा चुके हैं, जिनमें पाकड़ के 250, बरगद के 50, पीपल के 500, अमरूद के 1100, गुलमोहर के 100, जामुन के 1100 आंवला के 200, चंदन के 5, रुद्राक्ष के 5, कल्पवृक्ष के 12, शीशम के 250, कदम्ब के 500, अशोक के 10, नीम के 550,करंज के 50, सागवान के 570, महोगनी के 500, कटहल के 150, पलाश के 30, आम के 1150 तथा लीची के 150 वृक्ष लगाये गये.
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9 तालाब का निर्माण कराया गया
पूर्व में झारखंड जगुआर परिसर में जलस्तर काफी नीचे था, जिससे लगभग 34 बोरिंग कराने के बावजूद भी पीने योग्य पानी उपलब्ध नहीं हो पाता था. वन और पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए कैम्प परिसर में कुल 9 तालाब का निर्माण कराया गया, जिसमें वर्षा के पानी को संग्रहित करने से यहां के पानी का जलस्तर काफी अच्छा हो गया है. समय-समय पर वृक्षारोपण के कारण झारखंड जगुआर परिसर में चारों तरफ हरियाली छाई हुई है. यह परिसर एक रमणीक स्थल के रूप में परिणत हो चुका है. यहां के दृश्य काफी आकर्षक है. झारखंड जगुआर परिवार के कर्मियों के अथक प्रयास से यहां की बंजर भूमि को हरे-भरे क्षेत्र के रूप में बदला जा सका है.