- 2019 के बाद अबतक नहीं हुई स्टेट और रिजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी की बैठक
बिना परमिटवाली बस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर नहीं मिलता बीमा का लाभ
गौरतलब है कि किसी भी बस का परमिट 5 साल के लिए जारी होता है. एक बस का परमिट जारी करने में परिवहन विभाग को करीब 9 हजार रुपये प्राप्त होता है. परमिट के आधार पर ही बसों के समय, रूट और ठहराव का निर्धारण होता है. परमिटवाली बसों के दुर्घटनाग्रस्त होने पर बस के यात्रियों और बस स्टॉफ को दुर्घटना बीमा का लाभ मिलता है, लेकिन अगर बिना परमिटवाली बस दुर्घटनाग्रस्त होती है तो बीमा का लाभ नहीं मिलता.स्टेट और रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी के 12 सद्स्यों का होना है मनोनयन
गौरतलब है कि राज्य में 5 जगहों पर रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी है. रांची, पलामू, हजारीबाग, दुमका और सरायकेला के रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में दो-दो सदस्य का मनोनयन होना है. इसके अलावा स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी में भी दो सदस्यों का मनोनयन होना है. यानी रीजनल और स्टेट ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी मिलाकर कुल 12 सदस्यों का मनोनयन होना है. जबतक सदस्यों का मनोनयन नहीं होगा और बैठक नहीं होगी, तबतक राज्य की बसों को परमिट नहीं मिलेगा और राजस्व को चूना लगता रहेगा. इसे भी पढ़ें – आंदोलनरत">https://lagatar.in/agitating-jpsc-candidates-launched-postcard-campaign/">आंदोलनरतजेपीएससी अभ्यर्थियों ने चलाया पोस्टकार्ड अभियान [wpse_comments_template]

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