Ranchi: झारखंड के पांच जिलों के कोरोना संक्रमितों के सैंपल को सिक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर के आईएलएस लैब में भेजा गया था. सैंपल जमशेदपुर, रांची, धनबाद, हजारीबाग और पालामू जिले के कोरोना संक्रमित के थे. ये सैंपल 21 अप्रैल से लेकर 9 जून के बीच एकत्र किया गया था. जिसकी रिपोर्ट आ गयी है. स्वास्थ्य विभाग के वरीय आईईसी प्रभारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने बताया कि पांच जिलों से 364 संक्रमित व्यक्ति के सैंपल को होल जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए आईएलएस लैब भुनेश्वर भेजा गया था. जिसमें 328 सैंपल में वैरीएंट ऑफ कंसर्न म्युटेन्ट (VOC) पाया गया है.
वैरिएंट ऑफ कंसर्न म्युटेन्ट(VOC) ज्यादा खतरनाक
स्वास्थ्य विभाग के वरीय आईईसी प्रभारी सिद्धार्थ त्रिपाठी ने कहा कि वैरीअंट ऑफ कंसर्न म्युटेन्ट(VOC) ज्यादा खतरनाक है. इस म्युटेन्ट के लोगों की मौत ज्यादा होती है. साथ ही फेफड़ों में संक्रमण और ऑक्सीजन के लेवल में भी कमी आती है.
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इन जिलों से इतने सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे भुवनेश्वर
धनबाद से 49, हजारीबाग से 48, पलामू से 30, जमशेदपुर से 163 और रांची से 74 कोरोना संक्रमित व्यक्ति के सैंपल को होल जिनोम सिक्वेंसिंग के लिए आईएलएस लैब भुवनेश्वर भेजा गया था. इनमें वैरिएंट ऑफ कंसर्न म्युटेंट (VOC) के धनबाद में 49 मामले सामने आए है. जबकि हजारीबाग से 48, पालामू से 30, जमशेदपुर से 145 और रांची के 56 लोगों में वैरिएंट ऑफ कंसर्न म्युटेंट(VOC) पाया गया है.
इन वैरिएंट के मामले आए सामने
डेल्टा वैरिएंट के 204(जमशेदपुर 86, रांची में 26, धनबाद में 32, हजारीबाग में 39 और पालामू में 21), कप्पा वैरिएंट के 63(जमशेदपुर में 43, रांची में 8, धनबाद में 4, हजारीबाग में 5 और पालामू में 3) जबकि अल्फा वैरिएंट के 29(रांची में 18, जमशेदपुर में 7, हजारीबाग-पलामू में 2) मिले है. वहीं 32 अन्य वैरिएंट पाए गए हैं.
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