alt="ndfhnfhn" width="600" height="400" /> इस मामले को लेकर बाबूलाल ने हेमंत सरकार को घेरा है और सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है, एक असहाय मां को अपने बेटे का शव अस्पताल से लेने के लिए अपनी जमीन बेचनी पड़ी, यह घटना हेमंत सरकार के मुंह पर तमाचा है. सड़क हादसे में घायल बेटे का इलाज कराने के लिए मां ने हर संभव कोशिश की. अस्पताल ने 40 हज़ार रुपये का बिल थमा दिया, और जब पैसे नहीं दिए गए, तो शव सौंपने से इंकार कर दिया. मजबूरी में उस मां ने अपनी वो जमीन बेच दी, जो शायद उसकी ज़िंदगी की आखिरी पूंजी थी. सोचिए काले धन के लालच ने कितना संवेदनहीन बना दिया है हेमंत सरकार को...यदि सरकार में नाम मात्र की भी शर्म बची हो तो अस्पताल प्रबंधन पर कड़ी कार्रवाई करें. इसे भी पढ़ें - ED">https://lagatar.in/ed-raid-rs-16-50-lakh-cash-seized-from-the-house-of-the-district-coordinator-of-ayushman-yojana/">ED
RAID : आयुष्मान योजना के डिस्ट्रिक कोऑर्डिनेटर के घर से 16.50 लाख नकद जब्त
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