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पुत्रों की सलामती और दीर्घायु के लिये माताओं ने रखा जिउतिया का व्रत

Saraikela / Kharsawan / Jamshedpur : जमशेदपुर सहित पूरे पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां के विभिन्न क्षेत्रों में बुधवार को श्रद्धा व उल्लास के साथ जिउतिया पूजा का आयोजन किया गया. क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में जिउतिया की पूजा अर्चना की गयी. इस दौरान माताओं ने अपने पुत्र की दीर्घायु, स्वास्थ्य और संपन्नता के लिए विधिवत रुप से जिउतिया की पूजा की. साथ ही माताओं ने निर्जला उपवास रखकर पुत्र के लिए जीवित्पुत्रिका व्रत रखा. हिंदू धर्म में जिवित्पुत्रिका या जितिया व्रत का विशेष महत्व है. यह जिउतिया, जितिया, जीवित्पुत्रिका, जीमूतवाहन व्रत नाम से जाना जाता है. इस व्रत में निर्जला उपवास किया जाता है. जीवित पुत्रिका व्रत हिंदू धर्म में महिलाओं के लिए बेहद कठिन व्रत माना जाता है. आश्विन माह में कृष्ण-पक्ष के सातवें से नौवें चंद्र दिवस तक तीन-दिवसीय त्योहार मनाया जाता है. बुधवार की शाम सैकड़ों महिलाएं मंदिर पहुंच कर जिउतिया व्रत रख कर पूजा अर्चना की. भगवान को विभिन्न प्रकार के फल और फूल चढ़ाकर प्रार्थना की. पूजा के दौरान पंडितों ने व्रतधारी माताओं को जीवित्पुत्रिका व्रत के साथ जीमूत वाहन की कथा सुनाई. जिउतिया पूजा ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के विभिन्न घरों में होती है. व्रतधारी माताओं ने बुधवार की शाम स्नान कर पूर्वजों को तेल, खल्ली जल का दान कीं. जीवित्पुत्रिका व्रत का पारण 30 सितंबर दिन गुरुवार को सूर्याेदय के पश्चात प्रातःकाल स्नान आदि के बाद पूजा करके करने की परंपरा है. [wpse_comments_template]

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