बाजार में बिकवाली, सेंसेक्स 246 अंक टूटकर खुला, टाइटन के शेयर 3.54 फीसदी लुढ़के ऐसे में ग्राम चौपाल मद में निर्गत राशि से हरि मंदिर का निर्माण कराना कार्यकारी एजेंसी पर सवाल खड़े करता है. इन पांच वर्षों में तीन कार्यकारी एजेंसियों ने निर्माण कराया है. इसमें वित्तीय वर्ष 2016-17 में 58 ग्राम चौपाल का निर्माण एनआरईपी ने कराया है, जबकि 30 ग्राम चौपाल का निर्माण आरडीएसडी एजेंसी ने कराया है.
सांसद विद्युतवरण महतो पर सरकारी राशि के दुरुपयोग का आरोप, लोकायुक्त से शिकायत

Jamshedpur : जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महतो पर सांसद निधि की राशि के दुरुपयोग का आरोप लगा है. प्राक्कलन के आधार पर ग्राम चौपाल का निर्माण कराया जाना था. लेकिन ग्राम चौपाल का स्वरूप बदलकर हरि मंदिर का निर्माण करा दिया गया. वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2020-21 तक कुल 88 ग्राम चौपाल मद में 3 करोड़ 28 लाख रुपए विमुक्त किया गया है. लेकिन उक्त राशि से ग्राम चौपाल की जगह पूरे जिले में हरि मंदिर का निर्माण करा दिया गया है. राशि का दुरूपयोग बताते हुए आरटीआई कार्यकर्ता दिनेश महतो ने इसकी शिकायत लोकायुक्त से की है. साथ ही इसकी जांच कराकर सांसद पर कार्रवाई की मांग की है. जिला विकास शाखा की ओर से सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी में बताया गया है कि सांसद निधि की मार्गदर्शिका में मंदिर निर्माण का जिक्र नहीं है. इसे भी पढ़ें : शेयर">https://lagatar.in/selling-in-the-stock-market-sensex-opened-with-a-loss-of-246-points-titans-shares-fell-3-point-54-percent/">शेयर
बाजार में बिकवाली, सेंसेक्स 246 अंक टूटकर खुला, टाइटन के शेयर 3.54 फीसदी लुढ़के ऐसे में ग्राम चौपाल मद में निर्गत राशि से हरि मंदिर का निर्माण कराना कार्यकारी एजेंसी पर सवाल खड़े करता है. इन पांच वर्षों में तीन कार्यकारी एजेंसियों ने निर्माण कराया है. इसमें वित्तीय वर्ष 2016-17 में 58 ग्राम चौपाल का निर्माण एनआरईपी ने कराया है, जबकि 30 ग्राम चौपाल का निर्माण आरडीएसडी एजेंसी ने कराया है.
बाजार में बिकवाली, सेंसेक्स 246 अंक टूटकर खुला, टाइटन के शेयर 3.54 फीसदी लुढ़के ऐसे में ग्राम चौपाल मद में निर्गत राशि से हरि मंदिर का निर्माण कराना कार्यकारी एजेंसी पर सवाल खड़े करता है. इन पांच वर्षों में तीन कार्यकारी एजेंसियों ने निर्माण कराया है. इसमें वित्तीय वर्ष 2016-17 में 58 ग्राम चौपाल का निर्माण एनआरईपी ने कराया है, जबकि 30 ग्राम चौपाल का निर्माण आरडीएसडी एजेंसी ने कराया है.
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