Search

आम बजट 2025-26 में MSME और स्टार्टअप्स की बल्ले-बल्ले

[caption id="attachment_1008034" align="aligncenter" width="600"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/02/raithan.jpg">

class="wp-image-1008034 size-full" src="
https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/02/raithan.jpg"

alt="" width="600" height="400" /> RATHIN BHADRA[/caption] वित्त मंत्री द्वारा पेश बजट 2025-26 में MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) और स्टार्टअप्स के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं. ये कदम भारत के नवाचार और रोजगार सृजन को बढ़ावा देगा. स्टार्टअप्स के लिए बड़ा प्रोत्साहन स्टार्टअप बजट दोगुना: सरकार ने स्टार्टअप्स के लिए बजट को 10 करोड़ से बढ़ाकर 20 करोड़ कर दिया है. इससे नए स्टार्टअप्स को अधिक फंडिंग और संसाधनों का लाभ मिलेगा. फुटवियर समेत विभिन्न क्षेत्रों को बढ़ावा: इस वृद्धि से फुटवियर उद्योग सहित कई अन्य क्षेत्रों को भी लाभ मिलेगा, जिससे उद्योगों की वृद्धि होगी. नया "फंड ऑफ फंड्स" स्थापित: सरकार मौजूदा 10,000 करोड़ रुपये के सरकारी फंड में अतिरिक्त 10,000 करोड़ रुपये जोड़कर कुल 20,000 करोड़ रुपये का नया फंड ऑफ फंड्स स्थापित करेगी. यह फंड विभिन्न स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान करेगा और उन्हें तेजी से बढ़ने में मदद करेगा. पहली बार उद्यमी बनने वालों के लिए नई योजना सरकार ने 5 लाख महिलाओं, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लोगों को उद्यमी बनने के लिए सहायता देने की योजना बनाई है. यह योजना पहली बार व्यवसाय शुरू करने वालों को वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण और मार्गदर्शन प्रदान करेगी. इससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लोगों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा और नए व्यवसायों की संख्या बढ़ेगी. MSME के लिए निवेश और टर्नओवर सीमा में वृद्धि सरकार MSME की निवेश सीमा को 2.5 गुना और टर्नओवर सीमा को 2 गुना बढ़ाने जा रही है. इस बदलाव से MSME को अधिक पूंजी प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे वे बड़े स्तर पर व्यवसाय कर सकेंगे. बढ़ी हुई सीमा के कारण अधिक MSMEs सरकारी लाभ और योजनाओं के तहत आ सकेंगे. MSME सेक्टर को आगे बढ़ने, नवाचार करने और युवाओं के लिए अधिक रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए सशक्त बनाया जाएगा. बजट का MSME और स्टार्टअप सेक्टर पर प्रभाव स्टार्टअप्स को अधिक वित्तीय सहायता और निवेश मिलने से नए व्यवसायों की संख्या बढ़ेगी. MSME सेक्टर को मजबूत करने से देश में नौकरियों की संख्या बढ़ेगी और आर्थिक विकास को गति मिलेगी. महिला और वंचित वर्गों के लिए नई योजनाएं समावेशी विकास को बढ़ावा देंगी. नवाचार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर स्टार्टअप हब के रूप में उभरेगा. निष्कर्ष बजट 2025-26 MSME और स्टार्टअप सेक्टर को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला साबित हो सकता है. बढ़े हुए फंडिंग, नई योजनाओं और MSME के लिए बेहतर नीतियों के कारण यह क्षेत्र अधिक प्रतिस्पर्धी और सशक्त बनेगा, बशर्ते चीजें जमीन पर आए और उस पर फॉलोअप के साथ काम को अंजाम दिया जाय, कई योजनाओं की घोषणा कर दी जाती है. स्टार्टअप्स के फायदे के लिए विभागीय मंत्री और सचिव गण उसपर सिर्फ चिट्ठी बनाके प्रदेशों को भेजकर अपना दायित्व पूरा कर लेते हैं और उस पर करवाई क्यों नहीं हुई, इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है. उदाहरण के तौर पर मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग और उत्तर अफेयर द्वारा 667 करोड़ अमृत 2.0 के विनर्स के लिए 6 दिसंबर 2023 को लिखा गया. लेकिन आज तक उस पर कोई करवाई नहीं की गई, ना ही जिस स्टेट ने पैसा मांगा उनको पैसे दिए गए आधे स्टेट के डिपार्टमेंट के सेक्रेटरी को तो पता तक नहीं है. झारखंड सरकार से msme के सारे अधिकार जो भारत सरकार ने बेनिफिट्स के तौर पर टेंडर में पार्टिसिपेट करने के लिए दिए हैं, उनको इंस्पेक्टर राज से मुक्त करें और इंडस्ट्री सेक्रेटरी साहेब के मदद से सभी प्रावधानों को अविलंब लागू करे, कम से कम भारत सरकार के DIPP सर्टिफिकेट और झारखंड सरकार के चयनित स्टार्टअप्स के लिए. डिस्क्लेमरः लेखक रथिन भद्रा इंडियन स्टार्टअप एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. [wpse_comments_template]  

Comments

Leave a Comment

Follow us on WhatsApp