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मुल्ला बरादर को मिलेगी तालिबान सरकार की कमान!  आज लगेगी अफगान कैबिनेट पर मुहर

Kabul : अफगानिस्तान में तालिबान  आज शुक्रवार को सरकार बनाने जा रहा है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स का दावा है कि मुल्ला बरादर को तालिबान की नयी सरकार की कमान सौंपी जायेगी. जान लें कि रॉयटर्स ने तालिबान के हवाले से जानकारी दी है कि शुक्रवार को तालिबान काबुल में अपनी नयी सरकार का गठन करेगा. मुल्ला बरादर इस सरकार को लीड करेगा. यह भी सामने आया है कि तालिबान के संस्थापक मुल्ला उमर का बेटा मुल्ला मोहम्मद याकूब, शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई भी तालिबानी सरकार में अहम पद संभालेंगे.  सूत्रों के अनुसार तालिबान अफगानिस्तान के मौजूदा संविधान को रद्द कर 1964-65 के पुराने संविधान को फिर से लागू कर सकता है क्योंकि तालिबान का मानना है कि नया संविधान विदेशी देशों के अधीन बनाया गया था.़ इसे भी पढ़ें : राहुल">https://lagatar.in/rahul-gandhi-said-modi-government-is-harmful-to-employment-cited-cmii-report/">राहुल

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हार्डलाइनर गुट सत्ता में किसी और को शामिल नहीं करना चाहता

सूत्रों के अनुसार तालिबान का हार्डलाइनर गुट सत्ता में किसी और को शामिल नहीं करना चाहता. हालाकि  दोहा आफिस के तालिबानी नेता दूसरे पक्षों को भी शामिल करना चाहते हैं.  तालिबानी सरकार में गैर तालिबानी पक्षों को सुप्रीम काउंसिल और मंत्रालयों दोनों में  जगह दी जा सकती है. नार्दन एलायंस और तालिबान के बीच बातचीत में कोई समझौता हो पाता है या नहीं, इस पर दुनिया की नजर है.नार्दन एलायंस सरकार में बराबर की हिस्सेदारी चाहता है और तालिबान इसके लिए फिलहाल राज़ी बताया जाता है, इसे भी पढ़ें : अफगानिस्तान">https://lagatar.in/bloody-game-continues-in-afghanistan-the-struggle-of-the-occupiers-on-panjshir-valley-fierce-attack-by-taliban-rockets-rained-all-night/">अफगानिस्तान

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 कौन है मुल्ला अब्दुल गनी बरादर?

1968 में जन्म लेने वाला मुल्ला अब्दुल गनी बरादर तालिबान का दूसरे नंबर का नेता है. मुल्ला बरादर तालिबान के संस्थापकों में शामिल है. बता दें कि 1996 से 2001 तक जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर शासन किया, तब उसमें  मुल्ला बरादर की अहम भूमिका थी. 2001 के बाद जब अमेरिका ने अफगानिस्तान में घुसपैठ की तो मुल्ला बरादर पाकिस्तान चला गया. 2010 में पाकिस्तान ने मुल्ला बरादर को जेल में बंद कर दिया था. उस पर आरोप था कि वह बिना पाकिस्तान को लूप में रखे अफगानिस्तानी सरकार से बात करने की कोशिश कर रहा था. 2018 में अमेरिका ने तालिबान के साथ बातचीत की कोशिशें तेज की, तब मुल्ला बरादर को छोड़ा गया. उसके बाद से मुल्ला बरादर ने कतर के दोहा में कमान संभाली और अमेरिका के साथ बातचीत में अहम भूमिका निभाई. अब मुल्ला बरादर द्वारा अफगानिस्तान में तालिबान की कमान संभाले जाने की बात कही जा रही है, [wpse_comments_template]

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