नगर निगम का फैसला गलत
अरुण छौछरिया ने कहा कि रांची नगर निगम ने आदेश जल्दबाजी में दिया है. आदेश बिना तथ्यों की जांच किए पारित किया गया है, जबकि सेवा सदन पिछले 62 वर्षों से जनता की सेवा में लगा हुआ है. यहां तक कि 2007 में सेवा सदन और रांची नगर निगम के साथ एक एमओयू साइन किया गया था, जिसमें सेवा सदन को सामने की जमीन (जहां अभी पार्किंग) है, उसको दिया था और इसका निर्माण सेवा सदन द्वारा ही किया जाना था. इसे भी पढ़ें- RMC">https://lagatar.in/on-the-question-raised-about-rmc-encroachment-campaign-the-municipal-commissioner-said-if-the-building-is-old-then-give-evidence-otherwise-it-is-bound-to-break/124152/">RMCके अतिक्रमण अभियान को लेकर उठे सवाल पर नगर आयुक्त ने कहा- भवन पुराना है तो सबूत दें, वरना टूटना तय
आरआरडीए से पारित नक्शे होने के बावजूद नोटिस देना गलत
वहीं, पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र कुमार सरावगी ने बताया कि नगर आयुक्त के समक्ष 1980 में आरआरडीए द्वारा पारित नक्शे को भी प्रस्तुत किया गया, लेकिन उन्होंने उस पर संज्ञान न लेते हुए एक अव्यावहारिक आदेश पारित कर लाखों लोगों को परेशान करने का काम किया जा रहा है. इसे भी पढ़ें- अग्निशमन">https://lagatar.in/acb-arrested-sub-officer-of-fire-department-for-taking-bribe-of-8-thousand/124066/">अग्निशमनविभाग के Sub Officer को ACB ने 8 हजार घूस लेते रंगेहाथ किया गिरफ्तार
बड़ा तालाब में मेडिकल वेस्ट बहाने का आरोप भी गलत
राजेंद्र कुमार सरावगी ने कहा कि सेवा सदन सरकार के सभी नियमों का पालन करता है और सेवा सदन का बायो मेडिकल वेस्ट सरकार द्वारा अधिकृत एजेंसी प्रतिदिन उठाते हैं. सामान्य कचरा भी नगर निगम के ट्रैक्टर द्वारा नियमित रूप से उठाया जाता है. यह कहना गलत है कि सेवा सदन का कचरा नाले से बड़ा तालाब में जाता है, जहां तक नाले का सवाल है, यह नाला रातू रोड पहाड़ी से शुरू होते हुए अपर बाजार से गुजरते हुए बड़ा तालाब तक आता है. इसकी सफाई भी समय-समय पर सेवा सदन अपने शुल्क से करवाता आया है.नगर आयुक्त ने 15 दिन में तोड़ने का दिया है आदेश
अवैध निर्माण केस की सुनवाई करते हुए मंगलवार को नगर आयुक्त मुकेश कुमार के कोर्ट ने सेवा सदन अस्पताल को तोड़ने का आदेश जारी कर दिया है. साथ ही बिना नक्शा के अस्पताल संचालन करने पर पांच लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अस्पताल खाली करने के लिए प्रबंधन को 15 दिन का समय दिया गया है।.15 दिन में प्रबंधन को स्वेच्छा से अस्पताल को तोड़ना होगा. इसके बाद खाली नहीं होने पर निगम बलपूर्वक अस्पताल को तोड़ेगा.प्रबंधन ने निगम कोर्ट से मांगा था समय
अवैध निर्माण पर कार्रवाई को लेकर 22 जुलाई को नगर आयुक्त की कोर्ट में सेवा सदन अस्पताल को लेकर सुनवाई थी. इस दौरान अस्पताल प्रबंधन के वकील ने नक्शा पेश करने के लिए कुछ दिनों का समय देने की मांग की थी. इसके बाद मामले की सुनवाई तीन अगस्त को हुई, जिसमें अस्पताल प्रबंधन नक्शा नहीं पेश कर पाया, इसके बाद कोर्ट ने अस्पताल को तोड़ने का आदेश दिया है. इसे भी पढ़ें- Big">https://lagatar.in/breaking-cbi-registers-case-in-dhanbad-judge-death-case/124098/">BigBreaking: धनबाद जज मौत मामले में CBI ने दर्ज किया केस
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