Ranchi : जमशेदपुर के कदमा थाना क्षेत्र के तिस्ता रोड के क्वार्टर नंबर 97, 99 में शनिवार को सामूहिक हत्याकांड का सीन रीक्रएट किया गया. इसी क्वार्टर में 12 अप्रैल की सुबह टाटा स्टील के फायर मैन दीपक कुमार ने अपनी पत्नी और बेटियों समेत चार लोगों की हत्या कर दी थी. असुर और पाताललोक नामक वेब सीरीज देखकर हैवान बने इस शख्स ने ट्यूशन टीचर की हत्या करने के बाद उसकी लाश के साथ दुष्कर्म भी किया था.
धोखे के चलते दो दोस्तों को मारना चाहता था
गौरतलब है कि पत्नी, दोनों बेटियों और उनकी ट्यूशन टीचर की हत्या करने के पांच नों के बाद दीपक कुमार को धनबाद में गिरफ्तार कर लिया गया था. उस समय वह हीरापुर स्थित एचडीएफसी बैंक में अपने भाई के खाते में पैसे जमा कराने गया था. देर रात जमशेदपुर पुलिस से धनबाद लेकर आयी. शनिवार को जमशेदपुर के एसएसपी डॉ एम तामिलवणन ने एक प्रेस कांफ्रेंस में उसे मीडिया के सामने पेश किया. पुलिस पूछताछ में हैवान दीपक ने बताया कि वह अपने बचपन के दोस्त प्रभु और उसके साले रोशन को मारना चाहता था. क्योंकि प्रभु और रोशन के धोखे की वजह से उसकी आर्थिक हालत खराब हो गई थी.
पत्नी और बेटियां दर-बदर न हों इसलिए मार डाला
पत्नी और बेटियों को उसने इसलिए मारा, क्योंकि उसके नहीं रहने के बाद उन्हें दर-दर की ठोकर खानी पड़ती. उसने बताया कि वह टीचर की स्कूटी लेकर प्रभु के घर जाकर उसे मारना चाहता था. उसने कमरे में टीचर को चाकू दिखाकर स्कूटी की चाबी मांगी थी. लेकिन टीचर भागती हुई घर के अंदर चली गई और उसकी पत्नी की लाश देख ली. इसलिए उसने हाथ-पैर बांध कर टीचर का गला दबा दिया. टीचर की हत्या करने के बाद उसे पलंग में डालने के क्रम में उसकी नीयत खराब हो गयी औऱ उसने शव के साथ दुष्कर्म किया. उसके बाद वह राउरकेला गया और वहां से पुरी चला गया. पुरी में वह दो दिन रहा. फिर धनबाद के लिए निकल गया. जहां वह धर लिया गया.
बचपन से खर्चीला और अय्याश था दीपक
जानकारी के अनुसार दीपक बचपन से ही अय्याश किस्म का था. 2004 में उसकी शादी वीणा से हुई थी. प्रभु उसके बचपन का दोस्त था. वर्ष 2012 में दीपक ने टाटा स्टील की नौकरी ज्वाइन कर ली. इसके बाद सोपोडेरा स्थित अपना पैतृक घर 40 लाख रुपए में बेच दिया. इसमें से 20 लाख उसने अपने भाई को दिए और 20 लाख अपने पास रखे. 2019 में उसने प्रभु से 17 लाख रुपए में हाईवा खरीदा और एक लाख में एक बाइक ली. बाद में उसे पता चला कि हाईवा पर पांच लाख का रोड टैक्स बकाया है.
प्रभु ने उसे धोखा दिया था. हालांकि हाईवा टाटा पावर के जोजोबेड़ा प्लांट में चल रही थी. लेकिन कोरोना की वजह से लॉकडाउन हो जाने के कारण हाईवा बैठ गयी. रोशन ने उसे कहा था कि वह खड़गपुर की एक कंपनी में हाईवा को लगवा देगा. लेकिन बीच के पैसों का हिसाब रोशन ने उसे नहीं दिया था. तंगी झेल रहे दीपक ने टाटा स्टील को ऑपरेटिव सोसाइटी से 4.5 लाख और इधर उधर से और डेढ़ लाख का कर्ज लिया. 34 हजार की सैलरी पानेवाले दीपक को लोन की किस्त कट जाने की वजह से सिर्फ आठ हजार ही हाथ में आते थे. आर्थिक तंगी से वह परेशान रहा करता था.
एक सप्ताह पहले ही बना ली थी योजना
हत्याकांड को अंजाम देने से एक हफ्ता पहले से ही उसने रोशन और प्रभु को मारने की योजना बना ली थी. उसका प्लान था कि वह रोशन को खाने पर घर बुलाकर मार डालेगा और फिर टीचर की स्कूटी लेकर देर शाम प्रभु के साथ शराब पियेगा और उसकी हत्या कर देगा. इससे पहले उसने पहले परिवार के लोगों की हत्या करने के बाद योजना बनाई थी.क्योंकि उसे लगता था कि उसके बाद उन लोगों को कोई देखनेवाला नहीं रहेगा.
हत्या के बाद सुसराल से गहने लिए, फिर टीचर को मारा
घटना वाली सुबह 5 बजे दीपक की पत्नी उठी. उसके साथ थोड़ी बात की. रोज की तरह फ्रिज में पानी रखा और लगभग 8 बजे पत्नी को मार डाला. पत्नी को मारने के बाद उसने पलंग पर सोई हुई बड़ी बेटी की हत्या की. फिर छोटी बेटी को मार डाला. तीनों की हत्या करने के बाद वह नहाया. उसके बाद ससुराल जाकर वहां से पत्नी के गहने मांगे. कदमा बाजार में जाकर उसने गहनों को बेच दिया. जैसे ही वह घर लौटा ट्यूशन टीचर रिंकी घोष उसके घर पहुंची. उसने चाकू भिड़ाकर टीचर से स्कूटी मांगी.
टीचर ने चाबी नहीं दी और उस कमरे में घुस गयी जहां दीपक की पत्नी की लाश थी.टीचर ने शव देख लिया था, इसलिए दीपक ने उसका मुंह बांधा और गला दबाकर उसकी हत्या कर दी. टीचर की लाश को पलंग में डालने के क्रम में उसके अस्त-व्यस्त कपड़े और शरीर का स्पर्श पाकर वह हैवान बन गया. उसने टीचर के शव के साथ दुष्कर्म किया. उसका सीमेन लगा तौलिया पुलिस ने घर से बरामद किया है.
दोस्त और उसके साले पर हमला किया, लेकिन वे बच गये
थोड़ी देर बाद उसका दोस्त रोशन उसके घर पहुंचा. लेकिन उसके साथ उसकी पत्नी और साला अंकित भी थे. दीपक को अपना प्लान फेल होता लगा. उसने म्यूजिक सिस्टम की आवाज ऊंची की और रोशन के साले अंकित कुमार पर वार कर दिया. फिर उसने रोशन पर भी हमला किया. यह देख रोशन की पत्नी चिल्लाती हुई बाहर भागी. अपनी योजना विफल होती देख दीपक वहां से भाग निकला.
कदमा से वह आदित्यपुर पहुंचा. वहां से राउरकेला गया, जहां उसकी बाइक पंचर हो गई. उसने बाइक को वहीं छोड़ दिया. वहां से टैक्सी लेकर 13 अप्रैल को पुरी चला गया. दो दिन वहीं रहा. 15 अप्रैल को दूसरी टैक्सी से रांची पहुंचा. वहां कुछ कपड़े और सामान खरीदा और धनबाद चला गया. उस रात वह टैक्सी चालक के आईडी पर एक होटल लेकर रहा. 16 अप्रैल की सुबह एचडीएफसी बैंक में अकाउंट में रुपए जमा कराने के दौरान दीपक पकड़ा गया. उसने बताया कि अगर वह पकड़ा नहीं जाता तो कुछ दिनों में आत्महत्या कर लेता.
सीरियल क्राइम वाली वेबसिरीज ने बनाया सीरियल किलर
अपने तीन परिजनों समेत चार लोगों की बेदर्दी से हत्या करने वाला दीपक मानसिक तौर पर बीमार लग रहा है. उसने पूछताछ में बताया कि उसने हत्या के पहले वेब सीरीज असुर देखी थी. पत्नी के साथ उसने असुर देखी थी. वह बेचारी क्या जानती थी वह जिसके साथ बैठी है, वही उसका कातिल होगा. इसके पहले भी उसने पाताललोक वेब सीरीज देखी थी, जिसमें सीरियल किलर हथौड़े से लोगों की हत्या करता है.
इन सीरियलों को देखने के बाद ही उसने हत्याकांड को अंजाम देने का प्लान बनाया और अपनी पत्नी और दो बेटियों की पहले हत्या की. उसके बाद ट्यूशन टीचर को मार डाला. लेकिन अपने दोस्त रोशन और प्रभु को मारने की उसकी योजना विफल हो गयी. उसने बताया कि वह सिर्फ यही देखता था कि कोई सीरियल किलर कैसे किसी का मर्डर करता है. उसे उसी तरह की फिल्में भी पसंद थीं. इसलिए उसकी मानसिकता भी वैसी ही हो गयी थी.