Ranchi: झारखंड में नेशनल हाइवे के लिए ली गयी अधिग्रहित जमीन में म्यूटेशन का पेंच फंस गया है. अब तक कुल अधिग्रहित भूमि का मात्र दो फीसदी जमीन का ही म्यूटेशन अब तक हो पाया है.
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एनएचएआई अध्यक्ष ने पत्र के जरिए जताई चिंता
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के चेयरमेन संतोष यादव ने चिंता जतायी है और राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी को इस संबंध में पत्र भी लिखा है. पत्र में एनएचएआई अध्यक्ष ने कहा है कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया में यह भी महत्वपूर्ण है. झारखंड राज्य में भूमि नामांतरण की प्रगति अत्यंत धीमी है.
नामांतरण प्रक्रिया में देरी
रिकॉर्ड के अनुसार, अब तक केवल 152 हेक्टेयर भूमि का नामांतरण किया गया है, जो कुल 7609 हेक्टेयर का केवल 2 फीसदी है. यदि नामांतरण प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं होती है, तो इससे कानूनी स्वामित्व समस्याएं, परियोजना कार्यान्वयन में देरी और नियामक आवश्यकताओं का पालन न करने जैसी दिक्कतें उत्पन्न हो सकती हैं.
बताते चलें कि इस मसले को लेकर मुख्य सचिव अलका तिवारी ने हाल ही में सभी जिलों के डीसी के साथ समीक्षा बैठक कर निर्देश दिया था कि वे सभी रूकावटों को दूर करें. सभी विभागों से समन्वय बनाकर समाधान निकालने की भी बात कही थी.
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