- अल्केम फाउंडेशन ने किया 100 करोड़ का निवेश
 
Muzaffarpur : उत्तर बिहार में कैंसर मरीजों के लिए बड़ी राहत की खबर है. अल्केम लेबोरेटरीज लिमिटेड की कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व इकाई, अल्केम फाउंडेशन ने मुजफ्फरपुर में सम्प्रदा सिंह मेमोरियल रेडियोथेरेपी सेंटर की स्थापना की है. लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत से बना यह सेंटर उत्तर बिहार का सबसे बड़ा और पूरे राज्य का दूसरा सबसे बड़ा रेडियोथेरेपी सेंटर है.
यह आधुनिक सेंटर होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर का हिस्सा है, जिसका हाल ही में उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया. अल्केम के संस्थापक और चेयरमैन एमेरिटस, स्व. सम्प्रदा सिंह की स्मृति में स्थापित यह सुविधा टाटा मेमोरियल सेंटर (मुंबई) के सहयोग से बनाई गई है.
अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस
तकनीकी दृष्टि से यह सेंटर बिहार का सबसे एडवांस रेडियोथेरेपी केंद्र माना जा रहा है और पूरे पूर्वी भारत के शीर्ष चार केंद्रों में शामिल है. यहां मरीजों के लिए लिनियर एक्सेलेरेटर्स (LINAC), स्टीरियोटैक्सी, ऑर्गन मोशन मैनेजमेंट सिस्टम, सीटी सिम्युलेटर और इन-हाउस ब्रैकीथेरेपी जैसी विश्वस्तरीय सुविधाएँ मौजूद हैं. हर साल यहां लगभग 3,500 से 4,000 कैंसर मरीजों का इलाज हो सकेगा.
अल्केम की प्रतिबद्धता
अल्केम फाउंडेशन की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और CSR एवं सस्टेनेबिलिटी कमेटी की चेयरपर्सन मधुरिमा सिंह ने कहा कि अल्केम की जड़ें बिहार से जुड़ी हैं, इसलिए इस क्षेत्र के लिए योगदान देना हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है.कैंसर के बढ़ते मामलों को देखते हुए घर के पास विश्व-स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराना समय की मांग है. यह सेंटर न केवल मरीजों के इलाज को मजबूत करेगा, बल्कि उनके परिवारों को भी सहारा देगा.
टाटा मेमोरियल सेंटर का सहयोग
होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के डायरेक्टर डॉ कुमार प्रभाष ने कहा कि अल्केम फाउंडेशन के साथ हमारी साझेदारी वर्षों से स्क्रीनिंग और पैलिएटिव केयर में जारी है. अब इस रेडियोथेरेपी सेंटर के साथ हम बिहार और आसपास के राज्यों के मरीजों को और व्यापक, किफायती तथा संवेदनशील कैंसर देखभाल उपलब्ध करा पाएंगे.
समग्र कैंसर देखभाल की दिशा में कदम
अल्केम फाउंडेशन पहले से ही बिहार में सामुदायिक स्तर पर कैंसर स्क्रीनिंग, जागरूकता अभियान और होम-बेस्ड पैलिएटिव केयर मॉडल चला रहा है. अब इस सेंटर के जरिये स्वास्थ्य ढांचे को और मजबूत करते हुए मरीजों को घर के पास ही बेहतर उपचार मिलेगा.
                
                                        
                                        
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