Ranchi: दिल्ली की नेक टीम ने रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय विभाग में शुक्रवार को निरीक्षण किया. इतिहास विभाग और कॉमर्स विभाग का निरक्षण करने के बाद जनजातीय विभाग पहुंची. यहां पहुंचकर पांच जनजातीय औऱ चार क्षेत्रीय भाषा के विभाग मे घुमे. सभी शिक्षकों के विभागध्यक्षों से कई सवाल पूछे गये. इससे पहले सभी विभागों को साफ सुथरा बेहतरीन तरीके से सुज्जित किया गया था. नैक टीम का स्वागत जनजातीय विभाग के छात्रों औऱ शिक्षकों ने किया. उनके आगमन के लिए मुंडारी, संथाली कुडुख, खड़िया और हो के छात्रों ने ढोल नगाड़ा बजाकर स्वागत किया.
उनके स्वागत सखुवा पत्तल को परिसर में बिछाया था. शिक्षकों ने जनजातीय संस्कृति से अभिनंदन किया. नैक में शामिल अधिकारियों ने जनजातीय से जुड़े भाषा के बारे कई सवाल पूछे. झारखंड की संस्कृति के बारे में जानना चाहा. झारखंड के पांच जनजातीय भाषाओं मुंडारी, संथाली, कुडुख, हो, खडिया और हो भाषा की लिपी के बारे में जनजातीय भाषाओं के स्क्रिप्ट औऱ नेट जेआरएफ में पास विद्यार्थियों के बारे में सवाल पूछे. इसके बाद जनजातीय भाषाओं की संस्कृति औऱ लोक गीत संगीत से अखडा में नृत्य भी किया. उन्हें झारखंड की संस्कृति के बारे में अवगत कराया गया.
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