नागपुरी में गीत लिखने की परंपरा रहती थीः सारंगी
मेजर डॉ महेश्वर सारंगी ने कृति चर्चा करते हुए कहा कि नागपुरी में गीत लिखने की परंपरा रहती थी. यह नागपुरी समाज के लिए अच्छा संकेत है. कवि ने समाज में जो देखा, सुना और भोगा है. उसी को कलमबद्ध किया है. यह कविता साहित्य समाज को प्रभावित करती है. रचनाकार लेखक प्रो केदार नाथ दास ने कहा कि कविता संग्रह में अपने जीवन की अनुभवों को समाज के सामने साहित्य के रुप में रखने का प्रयास किया है. किसी व्यक्ति अथवा समाज को खत्म करना है तो उसकी भाषा संस्कृति को खत्म कर दें. वह स्वत: खत्म हो जायेगा. कहा कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को अपनी भाषा में साहित्य रचने व गढ़ने की आवश्यकता है. तभी हम और हमारा अस्तित्व बच पायेगा.विभाग के छात्र अशोक कुमार ने `पहचान` शीर्षक कविता प्रस्तुत किया. मौके पर प्राध्यापक बन्धु भगत, मनय मुण्डा, डॉ गीता कुमारी सिंह, डॉ कुमारी शशि, डॉ अर्चना कुमारी, महामनी कुमारी, डॉ अनुपमा मिश्रा, डॉ दिनेश कुमार, डॉ सरस्वती गागराई, डॉ बन्दे खलखो, अनुराधा मुण्डू, डॉ करम सिंह मुण्डा, डॉ नकुल कुमार, रवि कुमार, विक्की मिंज, निलोफर, जलेश्वर, बुद्धेश्वर, सूरज, संजय, पंकज, अभिजीत, सोनू, नमिता, सीमा, पूनम, ऊषा व आकाश मौजूद थे. इसे भी पढ़ें - जॉर्ज">https://lagatar.in/giriraj-singh-waved-posters-on-george-soros-sonia-gandhi-relationship-opposition-protested-on-adani-issue/">जॉर्जसोरोस-सोनिया गांधी के रिश्ते पर गिरिराज सिंह ने पोस्टर लहराये, विपक्ष का अडानी मुद्दे को लेकर प्रदर्शन [wpse_comments_template]