टीम दावे की सत्यता की करेगी जांच
टीम के सदस्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से वर्ष 2020 में चलाए गए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के तहत फाइलेरिया की दवा खिलाए जाने की सत्यता की जानकारी लेंगे. इस दौरान लाभुकों से टीम पूछताछ करेगी कि उन्होंने फाइलेरिया की दवा खाई थी कि नहीं. फिलहाल टीम के आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. विभागीय अफसर कागजों को दुरुस्त करने में लगे गए हैं.2020 में शुरू किया गया था अभियान
मलेरिया उन्मूलन अभियान को लेकर मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन वर्ष 2020 में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाया गया था. स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि इस अभियान के तहत जिले में लगभग 26 लाख लोगों को मलेरिया की दवा खिलाई गई थी. अब केंद्रीय रिसर्च की टीम यह जांच करेगी कि यह दावा सही है अथवा गलत. टीम के सदस्य गांवों में लाभुकों से पूछताछ करेंगे. यदि दवा खिलाने की बात गलत निकलती है तो टीम सरकार को रिपोर्ट करेगी.टीम खुद करेगी परीक्षण और जांच
6 दिनों के धनबाद दौरे पर आये टीम के सदस्य सुबह 5 बजे से रात 8 बजे तक फाइलेरिया के मरीज की खुद जांच करेंगे. ऐसे मरीजों के रक्त नमूने का खुद परीक्षण कर देखेंगे. धनबाद में फाइलेरिया की मरीजों की सही ढंग से जांच नहीं हो पा रही. नाइट ब्लड सर्विस भी यह टीम करेगी. स्वास्थ्य विभाग की मानें तो जिले में अभी सबसे ज्यादा 22 फाइलेरिया के मरीज हैं. इनमें आधे से अधिक मरीजों की दवा चल रही है. यह भी पढ़ें : धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-villagers-picket-for-underpass-in-daludih/">धनबाद: दलूडीह में अंडरपास के लिए ग्रामीणों का धरना [wpse_comments_template]
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