Lagatar desk : शारदीय नवरात्रि का आज नौवां और अंतिम दिन है. इस पावन अवसर पर श्रद्धालु मां दुर्गा की आराधना कर रहे हैं और उपवास रख रहे हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार, नवरात्रि का व्रत तब तक पूर्ण नहीं माना जाता, जब तक घर में कन्या पूजन न हो जाए.
मान्यता है कि 2 से 10 वर्ष की कन्याएं मां दुर्गा के नौ रूपों की प्रतीक होती हैं .इसलिए अष्टमी या नवमी के दिन 9 कन्याओं के साथ एक बालक को भी पूजन में शामिल किया जाता है, जो भगवान भैरव का स्वरूप माना जाता है.
कन्या पूजन की संक्षिप्त विधि
कन्याओं को आमंत्रित कर पैर धोएं.
उन्हें आसन पर बैठाकर अक्षत, चंदन, माला और तिलक लगाएं.
भोजन कराएं - काले चने, हलवा और पूरी अवश्य परोसें.
पूजन के बाद उपहार और दक्षिणा दें, और उनके चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लें.
कन्या पूजन के बाद देने योग्य 8 प्रकार के उपहार
1. मिठाई और फल
बर्फी, लड्डू, गुलाब जामुन
केला, सेब, अनार आदि मौसमी फल
2. श्रृंगार सामग्री
चूड़ियां, बिंदी, काजल, मेहंदी
हेयर क्लिप्स, हेयर बैंड आदि
3. शैक्षणिक सामग्री
पेंसिल, पेन, नोटबुक
ड्रॉइंग बुक्स, कलर पेंसिल आदि
4. खिलौने और टेडी बियर
सॉफ्ट टॉय, पजल्स
छोटी गुड़िया या अन्य मनपसंद खिलौने
5. उपयोगी वस्तुएं
रंगीन रूमाल, थाली या कटोरी (स्टील की)
वॉटर बॉटल, लंच बॉक्स आदि
6. वस्त्र
छोटी फ्रॉक, कुर्ता-पायजामा
लाल चुनरी, रुमाल, दुपट्टा
7. दक्षिणा (नकद राशि)
11 से 100 तक, श्रद्धा व सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा दें
8. धार्मिक उपहार
देवी मां की तस्वीर, छोटी पूजा थाली
चांदी का सिक्का या कोई शुभ प्रतीक
उपहार देने की सही विधि
भोजन के बाद कन्याओं को तिलक लगाएं.
लाल कपड़े या थैली में उपहार और दक्षिणा सौंपें.
पैर छूकर आशीर्वाद लें और अपने उपर अक्षत डलवाए
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