कौन था बुधन मांझी
बुधन मांझी उग्रवाद प्रभावित झुमरा पहाड़ गांव का निवासी था. 14 जनवरी 2010 को नक्सलियों ने उसकी हत्या कर दी थी. दरअसल, बुधन मांझी शुरुआती दौर में नक्सलियों के साथ था लेकिन बाद में उसे पुलिस ने अपना मुखबिर बना लिया. जैसे ही इस बात की जानकारी नक्सलियों को हुई, उन्होंने बुधन की हत्या कर दी और शव को झुमरा पहाड़ के बिहाही महुआ ग्राम के पास फेंक दिया. [caption id="attachment_143197" align="aligncenter" width="611"]alt="" width="611" height="461" /> बीडीओ के निर्देश पर एंबुलेंस से शव को लाया गया गांव[/caption]
शव को ले जाने के लिए नहीं था किराया
पार्वती और बुधन मांझी की कोई संतान नहीं है. इसलिए उसकी देखभाल भतीजा वगैरह कर रहे थे. पार्वती देवी के निधन के बाद उसके शव को घर ले जाने के लिए किराया का पैसा नहीं था. जिसके कारण उन्हें परेशानी उठानी पड़ी. लेकिन बाद में गोमिया बीडीओ के निर्देश पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी हलन बारला ने एम्बुलेंस की व्यवस्था करायी और शव को उसके घर तक पहुंचाया गया. इसे भी पढ़ें- टाटानगर">https://lagatar.in/rpf-kasegi-screws-on-railway-quarters-occupying-mandals-including-tatanagar-drm-orders-pnm-meeting/143166/">टाटानगरसमेत मंडल में रेलवे क्वार्टरों पर कब्जा करने वालों पर आरपीएफ कसेगी शिकंजा, पीएनएम बैठक में डीआरएम ने दिए आदेश [wpse_comments_template]
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