Bokaro: जिले के बेरमो अनुमंडल के उग्रवाद प्रभावित ऊपरघाट में कई शीर्ष माओवादी के अपने-अपने दस्ते के साथ पहुंचने की सूचना है. सूचना के बाद एएसपी अभियान उमेश कुमार के नेतृत्व में सीआरपीएफ और पुलिस की संयूक्त टीम लगातार छापामारी अभियान चला रही है. हालांकि इस अभियान में पुलिस-प्रशासन को कुछ सफलता हाथ नहीं लगी है. सूत्रों का कहना है कि बोकारो-गिरिडीह जिला के बॉर्डर एरिया चेचरिया-तिताही जंगल में संगठन के शीर्ष माओवादी किशन दा, मिथिलेश उर्फ दुर्योधन, बिरसेन मांझी के अलावे महिला माओवादी शांति अपने-अपने प्लाटूनों के साथ पहुंचे हैं. ऊपरघाट में शीर्ष माओवादियों की उपस्थिति की सूचना के बाद अनुमंडल पुलिस सर्तक हो गयी है.
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पुलिस कर रही निगरानी
ऊपरघाट में शीर्ष माओवादियों के पहुंचने के बाद उनके हर मुवमेंट की सूचना पुलिस इक्कठा कर रहें है. 1 दिसंबर की रात ऊपरघाट के विभिन्न इलाकों में माओवादियों ने गुरिल्ला आर्मी सप्ताह को लेकर बैनर-पोस्टिंग कर सनसनी फैला दी थी. खासकर काच्छो गांव को टारगेट किया गया था. सूत्रों का कहना है कि बेरमो अनुमंडल में पिछले एक दशक में माओवादियों की पकड़ कमजोर हो गयी है. इस क्षेत्र में अपनी साख को फिर से मजबूत करने के लिए यहां पर कई शीर्ष माओवादी पहुंचे है और कई अपने पुराने साथियों के संपर्क में है. इस कड़ी में डेगागढ़ा जंगल में अपने पुराने साथियों के साथ एक बैठ़क भी किए जाने की सूचना पुलिस को मिली है।जिसे पुलिस स्वीकार नहीं कर रही हैं.
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जंगल में नक्सलियों के तीन दस्ते
हजारीबाग-बोकारो जिला सीमा के तिलैया-दुमूहान जंगल में भी माओवादियों की एक टुकड़ी रूकी हुई है. सूत्रों का कहना है कि ऊपरघाट में चार बड़े माओवादी पहुंचने के बाद यह दस्ता कोरिडोर (रास्ता) को सुरक्षित करने का काम कर रही है. इस कोरिडोर से झुमरा पहाड़ और पारसनाथ पहाड़ आने जाने के लिए माओवादी उपयोग करते है. उमेश कुमार, एएसपी अभियान ने बताया कि ऊपरघाट में शीर्ष नक्सलियों की पहुंचने की सूचना के आधार पर अभियान चलायी जा रही है. उनके मंसूबे को कामयाब नहीं होने दिया जाऐगा. वहीं के साहयक कमांडेंट ने फोन पर बताया कि पुलिस को खबर मिली है कि मिथिलेश कुमार का दास्तां जंगल पहुंचा है लेकिन पुलिस दैनिक रूटीन के तहत ऑपरेशन चला रही हैं.
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देखिए होता हैं क्या ?
नक्सली पुलिस आमने सामने हैं लेकिन पुलिस को कोई सफलता नहीं मिली है. देखना यह है कि होता क्या है? कई बार नक्सलियों ने पुलिस को खुली चुनौती दी लेकिन रात के अंधेरे का नक्सलियों ने लाभ उठा लिया.
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