Saurav Singh
Ranchi : गुमला, गिरिडीह समेत झारखंड के सात जिलों में नक्सलियों ने सबसे अधिक ग्रामीणों की हत्या की है. पिछले ढाई दशक (25 सालों) के दौरान नक्सलियों ने झारखंड में 836 ग्रामीणों की हत्या की है.
गुमला, गिरिडीह, चाईबासा, लातेहार, रांची, खूंटी और चतरा जिले में सबसे ज्यादा ग्रामीण नक्सली हिंसा के शिकार हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ देवघर, गोड्डा और साहेबगंज में नक्सल हमले में किसी ग्रामीण की मौत नहीं हुई है.
गौरतलब है कि झारखंड में नक्सलवाद अंत के करीब पहुंच गया है. नक्सलियों के अधिकांश बड़े कमांडर या तो मारे गये हैं या फिर गिरफ्तार हो चुके हैं. वहीं कई ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण भी कर दिया है.
झारखंड गठन से अब तक यानी साल 2000 से 2025 तक पुलिस और नक्सलियों की लड़ाई में सबसे अधिक आम लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है. आंकड़ों के मुताबिक, पुलिस और नक्सली की लड़ाई में 836 ग्रामीणों की मौत हुई है. इसके अलावा 551 जवान शहीद हुए हैं. हालांकि इस दौरान सुरक्षाबलों ने 798 नक्सलियों को भी मार गिराया.
झारखंड के किस जिले में कितने ग्रामीणों की नक्सल हमले में हुई मौत :
– गुमला : 139
– चाईबासा : 82
– लातेहार : 82
– खूंटी : 75
– गिरिडीह : 68
– रांची : 61
– चतरा : 61
– जमशेदपुर : 49
– पलामू : 48
– हजारीबाग : 36
– सिमडेगा : 27
– लोहरदगा : 23
– बोकारो : 21
– गढ़वा : 19
– सरायकेला : 12
– दुमका : 08
– पाकुड : 04
– कोडरमा : 04
– जामताड़ा : 02
– रामगढ़ : 02
– धनबाद : 01
7 जिलों के 18 थाना क्षेत्रों में अभी भी है नक्सलियों का प्रभाव :
– पलामू : मोहम्मदगंज, हरिहरगंज, पांकी.
– चतरा : लावालौंग.
– लातेहार : चंदवा, नेतरहाट.
– लोहरदगा : कैरो, जोबांग.
– हजारीबाग : कटकमसांडी, केरेडारी.
– गिरिडीह : डुमरी, पीरटांड़.
– चाईबासा : टोंटो, छोटानागरा, जाराईकेला, गोईलकेरा, टेबो, कराईकेला.