Ranchi: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने झारखंड के अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि झारखंड के अधिकारी आयोग की मर्यादा को समझें और आदिवासी समाज के प्रति अपना नजरिया बदलें. कहा कि अधिकारी आदिवासियों को प्रताड़ित न करें और उनसे संबंधित मामलों में त्वरित कार्रवाई करें.
क्या है मामला?
सिरमटोली-मेकॉन फ्लाईओवर के रैंप विवाद को लेकर आयोग की ओर से पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार, उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री व रांची नगर निगम के प्रशासक संदीप सिंह को समन जारी किया गया था. लेकिन निर्धारित तिथि पर संबंधित अधिकारी एनसीएसटी कार्यालय नहीं पहुंचे.
अफसरों ने उपस्थित नहीं होने का क्या दिया तर्क
पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव ने निर्धारित तिथि से एक दिन पहले 28 मई को एनसीएसटी के सचिव को ई-मेल के माध्यम से आयोग के समक्ष उपस्थित होने में अपनी असमर्थता जताई.
तीन जून को आयोग की टीम करेगी निरीक्षण
आयोग की टीम तीन जून की सुबह 10 बजे सिरमटोली-मेकान फ्लाईओवर निर्माण कार्य का निरीक्षण करेगी और इसके बाद मुख्य सचिव समेत संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करेगी. पथ निर्माण विभाग एवं नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार, जनजातीय कल्याण विभाग के सचिव, उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री व रांची नगर निगम के प्रशासक संदीप सिंह को उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है.