Ranchi : धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह हत्याकांड के आईओ रहे निरंजन तिवारी को जान का खतरा है. उन्होंने बुधवार को धनबाद की जिला और सत्र न्यायाधीश दुर्गेश अवस्थी की अदालत में आवेदन देकर सुरक्षा की मांग की है.
कोर्ट में दिये आवेदन में निरंजन तिवारी ने कहा है कि स्पेशल ब्रांच की रिपोर्ट के आधार पर साल 2021 में उन्हें नीरज सिंह हत्याकांड में गवाही देने के लिए आने-जाने के दौरान सुरक्षा प्रदान की गयी थी.
लेकिन डीएसपी के पद से सेवानिवृत होने के बाद सरकार ने उनकी सुरक्षा हटा ली है. इस मामले में अभी गवाही चल रही है. इसके लिए उन्हें बार-बार धनबाद आना-जाना पड़ता है.
नीरंजन तिवारी ने कहा कि स्पेशल ब्रांच ने भी उनकी जान को खतरा बताया था. इस वजह से उन्हें सुरक्षा दी जाये. हालांकि उनके आवेदन पर अदालत ने तत्काल कोई आदेश नहीं पारित किया है.
बता दें कि निरंजन तिवारी जब धनबाद के सरायढेला के थाना प्रभारी थे, उसी समय नीरज सिंह की सरायढेला थाना क्षेत्र में हत्या हुई थी. फिलहाल वह डीएसपी के पद से सेवानिवृत हुए हैं.
हमलावरों ने घेरकर नीरज सिंह पर चलायी थी ताबड़तोड़ गोलियां
गौरतलब है कि बीते 21 मार्च 2017 की शाम को हमलावरों ने नीरज सिंह और उनके तीन समर्थकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी. यह हमला उस वक्त हुआ था, जब नीरज सिंह अपनी गाड़ी से स्टील गेट स्थित रघुकुल आवास जा रहे थे.
नीरज सिंह की गाड़ी जैसे ही स्टील गेट पहुंचकर ब्रेकर पर धीमी हुई, हमलावरों ने तीनों तरफ से उन्हें घेर लिया. जब तक नीरज सिंह कुछ समझ पाते, तब तक हमलावरों ने AK-47 से उन पर गोलियों की बरसात कर दी.
हमलावरों ने एक के बाद एक 100 राउंड फायरिंग की. इस फायरिंग में अगली सीट पर बैठे नीरज सिंह को 25 गोलियां लगी. जबकि उनकी बाॅडी पर 67 गोली लगने के निशान मिले.
इस हमले में मीरज सिंह के निजी बॉडीगार्ड मुन्ना तिवारी, चालक घलटू और करीबी समर्थक अशोक यादव की भी घटनास्थल पर ही मौत हो गयी थी.