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कुत्ते के काटने पर लापरवाही पड़ सकती है भारी, घरेलू नुस्खे छोड़ लगवाएं रेबीज का टीका

Lagatar Desk :  कुत्ते के काटने की घटनाएं अब आम हो चुकी है. लेकिन इसका सही इलाज कराने को लेकर लोग आज भी जागरूक नहीं हैं. अफसोस की बात यह है कि कई लोग कुत्ते के काटने पर घरेलू नुस्खों पर भरोसा करते हैं. जबकि ऐसा करना जानलेवा साबित हो सकता है. 

 

घरेलू नुस्खा सही इलाज नहीं

कुत्ते के काटने पर कुछ लोग घाव पर नींबू का रस, मिर्च, हल्दी, राख या सरसों का तेल लगाने लगते हैं, यह सोचकर कि संक्रमण रुक जाएगा. लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो ये नुस्खे संक्रमण बढ़ा सकते हैं. इससे घाव और गहरा हो सकता है. इससे बैक्टीरिया के अंदर तक पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है. 

रेबीज से बचने का एकमात्र उपाय टीकाकरण 

रेबीज एक जानलेवा वायरल संक्रमण है, जो कुत्ते के काटने से शरीर में प्रवेश करता है और नसों के जरिए दिमाग तक पहुंचता है, जिससे इंसान को लकवा, भ्रम, दौरे और अंत में मौत तक हो सकती है.  रेबीज का संक्रमण एक बार फैल गया तो इसका कोई इलाज नहीं होता. समय पर टीकाकरण करवाना ही इससे बचने का एकमात्र उपाय है. 

 

थोड़ी सी लापरवाही हो सकती है जानलेवा

कई बार कुत्ते के काटने पर खून नहीं निकलता है. ऐसे में लोग सोचते हैं कि चिंता की कोई बात नहीं है. लेकिन यह सोच जानलेवा हो सकती है. कुत्ता काटने पर घाव छोटा हो या बड़ा, खून निकले या नहीं निकले, एंटी रेबीज का टीका लेना जरुरी है.  

 

24 से 36 घंटे के अंदर रेबीज का पहला टीका जरूरी

डॉक्टरों और WHO की गाइडलाइन के मुताबिक, कुत्ता काटने के 24 से 36 घंटे के अंदर पहला रेबीज का टीका लेना अनिवार्य है. अगर देरी हुई तो वायरस पूरे शरीर में फैल सकता है. कई मामलों में इम्यूनोग्लोबुलिन इंजेक्शन भी जरूरी हो सकता है, जो वायरस को बेअसर करता है. 

कुत्ते के काटने पर क्या करें 

AIIMS और WHO के अनुसार,  घाव को तुरंत साबुन और पानी से कम से कम 10-15 मिनट तक धोएं. इसके बाद किसी एंटीसेप्टिक से घाव को साफ करें. अगर खून बह रहा है तो साफ पट्टी से रोके. करीबी अस्पताल या डॉक्टर के पास जाकर तुरंत रेबीज वैक्सीन लगवाएं. अगर डॉक्टर जरूरी समझें तो इम्यूनोग्लोबुलिन इंजेक्शन भी लें. 

 

जागरूक रहें, सतर्क रहें

कुत्ते का काटना कोई मामूली बात नहीं है.  इलाज में देरी या घरेलू उपायों पर भरोसा मौत को न्योता देने जैसा है. इसलिए आपको जागरूक और सतर्क रहने की जरुरत है. आपकी थोड़ी सी सतर्कता आपकी या किसी और की जिंदगी बचा सकती है. घरेलू नुस्खे या झाड़-फूंक काम नहीं करेंगे. डॉक्टर के पास जाएं और सही इलाज करवाएं. 

 

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